Latest Health Updates: कोरोना के साइडइफेक्ट से ऐसे निपटें, डेड बॉडी में भी कोरोना जिंदा
कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण इंसान को कई तरह का नुकसान झेलना पड़ा है। अभी भी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, इसके अलावा कोरोना की वैक्सीन भी अभी तक तैयार नहीं हुई है, ऐसे में मास्क तो कोरोना से बचाव का सबसे पहला उपाय है। हाल ही में एक नया मामला सामने आया है, जहां 62 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज़ की डेड बॉडी से जिंदा कोरोना वायरस (Coronavirus) मिला है, जो काफ़ी हैरान करने वाला है।
1.रिकवरी के बाद 3 तरह से परेशान हो रहे मरीज
कोरोना (Corona) के मरीज रिकवरी के बाद 3 तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। रिकवरी के बाद कोरोना मरीज़ लंग्स फायब्रोसिस, ब्रॉन्काइटिस और अस्थमा जैसे लक्षण, पोस्ट कोविड इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम , पोस्ट कोविड मायोकार्डिटिस जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
कोरोना से बचाव के लिए डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिसीज के मरीज खाने में फल, सब्जियां और अंकुरित दालों का इस्तेमाल करें। इसके अलावा ब्लड प्रेशर के मरीज दवाएँ लेना ना छोड़ें और शरीर में ऑक्सीजन का लेवल चेक करते रहें।
कोरोना से रिकवरी के बाद ये लक्षण नज़रअंदाज न करें
- सांस लेने में तकलीफ़
- सीने में दर्द या बेचैनी
- थकान महसूस होना
- बुखार का घटना-बढ़ना
- वजन का घट जाना
- मांसपेशियों में अकड़न
- हार्टबीट अनियंत्रित
- भूख का कम लगना
2. कोविड-19 की पहचान के लिए क्या कुत्तों को ट्रेंड किया जा सकता है?
कुत्ता एक वफादार जानवर है और इसमें सूंघने की अद्भुत क्षमता होती है। और आजकल ये जानवर ज्यादातर घरों में पालतू है यहां तक की देश की सेवा में तत्पर जवानों की फौज में भी कुत्ते को रखा जा रहा है।
लेकिन इसका उपयोग क्या Covid-19 के मामले में हो सकता है? अगर हां तो कैसे? वैज्ञानिक, खास तौर पर कीट विज्ञानी (Entomologist) इस बात का पता लगाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि इंसान का वफ़ादार समझा जाने वाला यह जीव इस बार भी बहुत काम आने वाला है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि सूंघने की क्षमता इंसान से 10,000 गुना ज़्यादा होने के कारण कुत्तों को ट्रेंड किया जा सकता है कि वो कोरोना वायरस (Corona Virus) का अंदाज़ा दें।
दरअसल, यूके में सरकार के फंड से यह अध्ययन किया जा रहा है कि कुत्तों में क्या कोविड 19 को डिटेक्ट करने की क्षमता है? काफी उम्मीद के बाद कुत्तों को ट्रेंड भी किया जाने लगा है।
3. कोरोना वायरस से मरीज के फेफड़े लेदर बॉल की तरह सख्त हुए
कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीज का एक चौंकाने वाला मामला कर्नाटक से सामने आया है, जहां 62 वर्षीय शख्स की कोरोना से मौत के बाद जब ऑटोप्सी की गई तो पता चला फेफड़े लेदर बॉल की तरह सख्त हो गए।
न्यूज़ पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज की मौत के 18 घंटे बाद भी उसकी नाक, गले के स्वाब सैम्पल में कोरोनावायरस जिंदा पाया गया।
डेड बॉडी की ऑटोप्सी करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना के रोगियों की ऑटोप्सी करने से यह चलता है कि बीमारी किस हद तक बढ़ रही थी।
इस केस में मरीज के फेफड़े, नाक, गला, मुंह और स्किन से 5 स्वाब सैम्पल लिए। नाक और गले से लिए गए सैम्पल का RT-PCR टेस्ट कराया गया। सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इससे साबित होता है कि मरीज की मौत के बाद भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
लेटेस्ट कोरोना वायरस अपडेट्स और किसी भी बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श के लिए डाउनलोड करें ”आयु ऐप’।