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Weekly health updates: कोरोना से रिकवरी के बाद भी मरीज़ों को हो रही है ये बीमारी, पढ़ें पूरी डिटेल

Weekly health updates: कोरोना से रिकवरी के बाद भी मरीज़ों को हो रही है ये बीमारी, पढ़ें पूरी डिटेल

कोरोना से ठीक हुए कई मरीजों को न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍या हो रही है और वो लकवे के भी शिकार हो रहे हैं। हाल में हुई एक रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे के अनुसार, हॉस्पिटल में भर्ती 5 में से 4 कोविड-19 (Covid-19) मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल यानी दिमाग़ का रोग देखा जा रहा है। कई मरीज़ स्ट्रोक यानी लकवे का शिकार हो रहे हैं और इनमें से एक तिहाई मरीज़ों को बोलने में दिक़्क़त हो रही है।

कोविड -19 के कारण 40% मरीज़ों में ये परेशानी लंबी और गंभीर रूप में है। ऐसे ही एक मरीज ने डॉक्‍टर को बताया कि उनके गले से आवाज़ नहीं निकल रही और बोलने में समस्‍या आ रही है। डॉक्‍टर ने उन्‍हें दिलासा देते हुए कहा कि धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। 

एक 48 साल का मरीज़ 8 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव हुआ था, तबियत ज्यादा बिगड़ने पर 19 अगस्त को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती हुए तो पता चला निगेटिव तो हो गए हैं, लेकिन ब्रेन स्ट्रोक यानि लकवा के कारण ब्रेन का बायां हिस्सा डैमेज हुआ है। 

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2. कोविड वॉरियर्स का सहायक बना MeD ROBO

भुवनेश्वर के ईस्ट कोस्ट रेलवे सेंट्रल अस्पताल में कोविड मरीज़ों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक मेडिकल रोबोट MeD ROBO का इस्तेमाल किया जा रहा है। मेडिकल रोबोट Med ROBO का इनोवेशन खुद ईस्ट कोस्ट रेलवे ने किया है।

ये रोबोट कोरोनावायरस वार्ड में मरीज़ों के बीच में उन्हें दवा, खाना और दूसरी चीजों के लिए मदद करता है, जिसमें किसी फिजिकल कॉन्टैक्ट की जरूरत नहीं है। 

MeD ROBO रोबोट में लगा सेंसर मरीज के शरीर का तापमान चेक करके फिर उसे स्मार्टफोन की स्क्रीन पर डिस्प्ले कर सकता है। अगर मरीज का सामान्य से ज्यादा तापमान होता है, तो मेडिकल रोबोट MeD ROBO  तुरंत सिग्नल देता है ताकि हॉस्पिटल का स्टाफ मरीज को अटेंड कर सके।

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3. 15 मिनट धूप और विटामिन-डी है कोरोना से बचाव में है मददगार

कोरोना वायरस पर हाल ही में ही रिसर्च में सामने आया है कि रोज़ सुबह 15 मिनट धूप और विटामिन-डी कोरोना वायरस से बचने में मददगार है। इसलिए कोरोनाकाल में शरीर में विटामिन-डी की कमी न होने दें। 

कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि विटामिन-डी कोरोना से लड़ने में मदद करता है और मरीज की हालत नाजुक होने से रोकता है।

बता दें, बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने कोरोना के मरीज़ों और विटामिन-डी का कनेक्शन समझने के लिए रिसर्च की। रिसर्च में सामने आया कि जिन मरीज़ों में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा में पाया गया उनकी हालत नाज़ुक नहीं हुई। इसके अलावा विटामिन-डी ब्लड में सी-रिएक्टिव प्रोटीन का लेवल कम करता है। जिससे सूजन का खतरा कम रहता है।

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4. काढ़ा से नहीं होता लीवर को नुकसान-आयुष मंत्रालय

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कोरोना वायरस पर काढ़े को लेकर फैली अफ़वाह को आयुष मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है। दरअसल, अफ़वाह थी की लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान होता है, इस पर आयुष मंत्रालय ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे कहा जा सके कि काढ़े के सेवन से लीवर को नुकसान होता है। 

मंत्रालय का कहना है कि ‘‘यह गलत धारणा” है क्योंकि काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी चीजें घरों में खाना पकाते समय इस्तेमाल की जाती हैं। ग़ौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनज़र आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े के सेवन का सुझाव दिया है। संवाददाता सम्मेलन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दालचीनी, तुलसी और काली मिर्च का उपयोग काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है और उनका श्वसन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव होता है।

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