Latest health updates: कोरोना महामारी के बीच नया खतरा अमीबा, जानें कैसे फैलता है इसका संक्रमण
कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से बचने के लिए दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) पर काम चल रहा है। अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना ने 25 नवंबर के बाद कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के आने का दावा किया है।
लेकिन इसी बीच एक और स्वास्थ्य संकट अमेरिका के टेक्सॉस से सामने आया है, जहां एक नए किस्म का दिमाग को खाने वाला वायरस अमीबा (Amoeba) सामने आया है। इसकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई है। अमेरिकी प्रशासन ने इससे बचने के लिए कई तरह की हिदायतें दी हैं।
1. दिमाग को खाने वाला वायरस है अमीबा
ताजे पानी में पाया जाने वाला यह सूक्ष्म जीव नाक के जरिए इंसानों के दिमाग तक पहुंच सकता है और संक्रमण फैला सकता है। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, इस अमीबा (Amoeba) का संक्रमण दुर्लभ है। जल स्रोतों का रख-रखाव ठीक से नहीं करने पर इस प्रजाति के अमीबा (Amoeba) की मौजूदगी हो सकती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
इस नई प्रजाति के अमीबा (Amoeba) को नेगलेरिया फाउलरली (Naegleria fowleri) बताया जा रहा है। साल 2009 से लेकर 2018 तक इसके संक्रमण के 34 मामले सामने आए थे। वहीं, 1962 से 2018 तक इस तरह के संक्रमण के अमेरिका में 145 मामले सामने आए थे।
वहीं भारत में आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने एक और चीनी वायरस CQV यानी कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus) के खतरे के प्रति आगाह किया है, तो महाराष्ट्र और गुजरात के सीमावर्ती जिलों में कांगो बुखार के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
2. कोरोना से बचाएगा ट्रेनिंग कराएगा इलेक्ट्रॉनिक मास्क, जानें पूरी डिटेल
विशेषज्ञ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का मानना है कि जब तक कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) तैयार नहीं हो जाती तब तक मास्क ही कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने का एक मात्र तरीका है। ऐसे में मास्क को लेकर दुनिया में तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी बीच खबर है कि आईओए ने ओलंपिक की तैयारियां शुरू करवाने को आईआईटी से बैटरी से चलने वाले मास्क तैयार करवाए हैं। ये मास्क (Mask) ओलंपिक की तैयारियों में जुटे या फिर इंतजार कर रहे खिलाड़ियों को दिए जाएंगे।
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का दावा है कि आईआईटी के छात्रों की ओर से तैयार ये मास्क खिलाड़ियों की गहन ट्रेनिंग के दौरान किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, बल्कि कोरोना के खतरे से बचाएंगे।
छात्रों ने दावा किया है कि गहन ट्रेनिंग के दौरान ये मास्क लगाकर आसानी से ट्रेनिंग की जा सकती है। मास्क में अंदर और बाहर चलने वाले पंखे लगाए गए हैं। अंदर चलने वाला पंखा मास्क के अंदर छोड़ी गई सांस को फिल्टर से बाहर निकालेगा और बाहर चलने वाला पंखा वातावरण की ऑक्सीजन की सप्लाई को सुचारु रखेगा। पंखे की स्पीड को जरूरत के हिसाब से कम ज्यादा किया जा सकेगा।
यही नहीं हर 15 दिन में फिल्टर बदला जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान आठ घंटे तक लगातार मास्क पहनकर अभ्यास किया जा सकता है। इसका कोई नुकसान नहीं होगा। रात में बैटरी से इसे चार्ज कर पांच दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है। आईओए के महासचिव राजीव मेहता के मुताबिक प्रयोग सफल रहा तो इस मास्क को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद और जापान ओलंपिक कमेटी को भी भेजा जाएगा।
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