Latest health updates: कोरोना वायरस इंसान की स्किन पर 9 घंटे तक रह सकता है जिंदा!

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बारे में तरह-तरह के रिसर्च सामने आ रहे हैं। वायरस (virus) का खतरा किन चीजों से है किन से नहीं, इस पर जापान की क्योटो प्रीफेक्चुअल यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिसिन ने दावा किया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) इंसानों की स्किन (Skin) पर करीब 9 घंटे तक जिंदा रहने में सक्षम है।
1. स्किन पर 9 घंटे तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस
- इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) इंसानों की स्किन पर भी घंटों तक जीवित रहने में सक्षम है। अगर इसे मुफीद वातावरण मिलता है तो ये करीब 9 घंटे तक इंसान की त्वचा पर जीवित रह सकता है।
- रिसर्च टीम के मुताबिक सैनिटाइजर के इस्तेमाल से ज्यादा पानी से हाथ धोना हमेशा ज्यादा फ़ायदेमंद है। यह रिसर्च मेडिकल जर्नल क्लिनिकल इन्फेकशियस डिजीज में प्रकाशित हुआ है।
- वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया की कुल आबादी में 10% लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं। WHO के इमरजेंसी हेड डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में 10 में से 1 व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसका सीधा मतलब है कि दुनिया की बड़ी आबादी खतरे में है।
2. Bharat Biotech ने ViroVax से मिलाया हाथ

कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटैक (Bharat Biotech) अब ViroVax कंपनी के साथ वैक्सीन बनाने पर काम करेगी। कोवैक्सीन (Covaxin) बनाने वाली भारत बायोटैक (Bharat Biotech) ने घोषणा की है कि
Covaxin के इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाने और लंबे समय तक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए रखने के लिए अमेरिका के कैन्सस स्थित ViroVax LLC फर्म के साथ हुए एक लाइसेंस समझौते के तहत काम करेगी।
कंपनी इसके लिए सहयोगी (adjuvant) Alhydroxiquim-II का इस्तेमाल करेगी। फिलहाल भारत बायोटैक (Bharat Biotech) का ह्यूमन ट्रायल दूसरे चरण में चल रहा है। इसके लिए उसे Drug Controller General of India (DCGI) से अनुमति मिली थी। कंपनी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी के साथ इस वैक्सीन पर काम किया है।
3. युवा होना कोरोना से बचने की गारंटी नहीं, 34 प्रतिशत बढ़े केस

कोरोना वायरस का खतरा न सिर्फ बुजुर्गों को बल्कि युवा वर्ग को भी बहुत अधिक हैं। कोरोना वायरस के लक्षण होने के बावजूद भी युवा इसे नज़रअंदाज़ करते हैं जो खुद के साथ साथ बाकि जनता के लिए भी घातक है।
इन दिनों देश में 20 से 40 साल के मरीज़ों की संख्या बढ़ी है। पिछले महीने मुंबई में इस वर्ग के मरीज़ों की संख्या 34 प्रतिशत तक बढ़ी है।
मुंबई में हुई अब तक कुल मौतों में 4.76% मौत नौजवानों की हुई है। कुल मामलों में 31.15% मामले युवाओं के हैं। सिर्फ़ बीते महीने में ही युवाओं, यानी 20-40 साल के मामलों में 34% बढ़ोतरी दिखी। डॉक्टर मानते हैं कि युवाओं की इम्युनिटी इन्हें कोविड से ज़्यादातर सुरक्षित ही रखती है बशर्ते वे सावधानी बरतें और लक्षण दिखते ही टेस्ट करवाए, सही इलाज लें।
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