fbpx

इन जगहों पर कई दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना

इन जगहों पर कई दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना

कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि अभी तक कोरोना की किसी भी वैक्सीन (Vaccine) के प्रमाणिक होने का दावा नहीं किया जा सकता है। ऐसे में आपके लिए यह जानना और भी जरूरी है कि कोरोना वायरस किस तरह की जगहों पर अधिक देर तक जिंदा रहता है? 

दरअसल, आईआईटी बॉम्बे ने दावा किया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) पतली लिक्विड लेयर से चिपककर सतह पर जीवित रहता है।

रिसर्च के मुताबिक, यह घातक वायरस ठोस सतहों पर कई घंटे और कई दिन तक जिंदा रहता है। ‘फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स’ जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि ठोस सतहों पर कई दिन कई घंटे तक कैसे वायरस जीवित रहता है।

1. यहां देखें आईआईटी बॉम्बे की रिसर्च

  • वैज्ञानिकों का कहना है, आमतौर पर सांस के जरिए निकलने वाले सामान्य ड्रॉप्लेट्स कुछ सेकंड्स में सूख जाते हैं लेकिन किसी अलग-अलग सतहों पर मौजूद कोरोना कुछ घंटों तक जिंदा रहता है।
  • आईआईटी बॉम्बे के अनुसार, यह रिसर्च नैनोमीटर वाली लिक्विड लेयर पर की गई है। यह सतह पर खास तरह के फोर्स से चिपकती है, इसलिए कोरोना इस सतह पर घंटों जीवित रहता है।

. कोरोना से बचाव के लिए बरतें सावधानी

सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें-

1. मास्क पहनिए

ग्लोबल रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जहां 50% से 80% लोगों ने मास्क पहना, वहां कोरोना कंट्रोल में आ गया। जब हम बात करते हैं, तब हमारे मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स डेढ़ से दो फीट तक जा सकते हैं। बिना मास्क तेजी से बात करेंगे तो ड्रॉपलेट्स की रेंज 6 फीट तक हो जाएगी। मास्क होगा, तो ये ड्रॉपलेट्स ढाई इंच से आगे नहीं जा सकेंगे। इससे संक्रमण का खतरा 90% तक घट जाएगा।

2. दूरी रखिए

कोरोनावायरस सांस और ड्रॉपलेट्स के जरिए 6 फीट तक फैल सकता है। अगर हम इतनी दूरी बनाकर रखेंगे तो खुद को संक्रमित होने से बचा लेंगे।

3. हाथों को साफ रखिए

कोरोना नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। हाथों से हम बार-बार मुंह को छूते हैं। हाथ सैनिटाइज होंगे तो संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा।

ये भी पढ़ें-

लेटेस्ट कोरोना वायरस अपडेट्स और किसी भी बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श के लिए डाउनलोड करें ”आयु ऐप’। 

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )