Corona Brief News: आंखों से भी शरीर में घुस सकता है कोरोना वायरस, हो जाएं अलर्ट !
Coronavirus Latest update: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी संकट के बीच वैक्सीन तैयार करने को लेकर विश्व स्तर पर जद्दोजहद जारी है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को लेकर मेडिकल जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना वायरस आँखों के जरिए भी फैल सकता है।
1. आंखों से भी शरीर में घुस सकता है कोरोना वायरस
रिसर्च करने वाले चीन की शुझाउ झेंगडू हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं का कहना है, जो लोग दिन में 8 घंटे से अधिक चश्मा लगाते हैं उनमें कोरोना का संक्रमण होने का खतरा कम है।
शोध में दावा किया गया है कि हवा में मौजूद कोरोना के कण सबसे ज्यादा नाक के जरिए शरीर में पहुंचते हैं। नाक और आँख में एक ही तरह की मेम्ब्रेन लाइनिंग होती है। अगर कोरोना दोनों में किसी भी हिस्से की म्यूकस मेम्ब्रेन तक पहुँचता है तो यह आसानी से संक्रमित कर सकता है। इसलिए आंखों में कोरोना का संक्रमण होने पर मरीज़ों में कंजेक्टिवाइटिस जैसे लक्षण दिखते हैं।
सीडीसी (CDC) यानि स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसे हाई रिस्क जोन जहां कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक है, वहां चश्मा पहनें। ध्यान रखें कि कॉन्टेक्ट लेंस आंखों को सुरक्षा नहीं देते।
2 .कोरोना वैक्सीन पर DGCI के आवश्यक दिशा-निर्देश
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन (Vaccine) को लेकर ड्रग नियामक संस्था, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने नई गाइड लाइन जारी की गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने उन फार्मा दिग्गजों के लिए सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता मापदंडों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बना रहे हैं।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कहा है कि वैक्सीन (Vaccine) बनाने वाली कंपनी के पास कोरोना के तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल में कम से कम 50 प्रतिशत प्रभावकारिता होनी चाहिए, यानि उसके परीक्षण में इस वैक्सीन के 50 प्रतिशत लोगों में ठीक से काम करना चाहिए,
ताकि इसके लिए व्यापक रूप से तैनाती की जा सके और पर्याप्त डाटा वैक्सीन (Vaccine) से जुड़े संवर्धित श्वसन रोग (ERD) के संभावित जोखिम को सूचित कर सके। COVID-19 वैक्सीन (Covid 19 vaccine) के लिए व्यापक मसौदा नियामक दिशा-निर्देश निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है कि वैक्सीन अच्छी तरह से और लगातार निर्मित होती रहे।
गाइड लाइन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि गर्भावस्था में और प्रसव की क्षमता वाली महिलाओं में COVID-19 निवारक टीकों का उपयोग टीका करण कार्यक्रमों के लिए एक महत्वपूर्ण विचार है।
3. कोरोना वायरस से ठीक होने वालों की संख्या नए मरीज़ों से ज्यादा
कोरोना वायरस (Coronavirus) से ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या नए कोरोना संक्रमित मरीज़ों से अधिक है। 23 सितंबर यानी बुधवार की सुबह तक बीते 24 घंटों में 83,527 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि, ऐसा लगातार पांचवें दिन है, जब वायरस से ठीक होने वालों की संख्या नए संक्रमित मरीज़ों से ज्यादा है।
न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में अब तक कुल मामले 56,46,010 हो चुके हैं। ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या 45 लाख के पार हो चुकी है। बीते 24 घंटों में 1085 मरीज़ों की मौत हुई है। इस वायरस से अब तक कुल 90,020 मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
4. सांस के रोगियों पर कोई वैक्सीन 100% कारगर नहीं- ICMR
Corona Vaccine News Update: कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से लोगों में खांसी, जुकाम और सांस की समस्या के अलावा अब फेफड़ों की समस्या भी सामने आने लगी है, वायरस की दस्तक की शुरुआत से ही इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन पर काम चल रहा है लेकिन अभी तक कोई भी वैक्सीन (Vaccine) पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हुई है। रूसी स्पूतनिक-5 कोरोना वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स भी दिखाई देने लगे।
अब कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) को लेकर इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव (Balram Bhargava) का कहना है कि कोरोना से संक्रमित सांस के रोगियों पर कोई भी वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) 100 फीसदी कारगर नहीं हो सकती। हालांकि, भार्गव ने ये भी कहा कि ऐसे मरीज़ों के लिए वैक्सीन को अधिकतम कारगर बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि 50 फीसदी कारगर होने पर ही वैक्सीन (Vaccine) को स्वीकार किया जा सकता है। वैसे हम 100 फीसदी का टारगेट लेकर चल रहे हैं। लेकिन ये 50 से 100 परसेंट के बीच ही रहेगा।
भार्गव ने कहा कि कैडिला (Cadila) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोरोना वैक्सीन का फेज-1 ट्रायल पूरा कर लिया है। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने फेज-2 B3 ट्रायल को पूरा कर लिया है। जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद तीसरे फेज का काम शुरू किया जाएगा।
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