Coronavirus update: ‘स्वदेशी वैक्सीन’ कोरोना वायरस के ब्रिटेन स्ट्रेन पर भी हो सकती है प्रभावी !
Coronavirus update: हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि स्वदेशी वैक्सीन ‘कोरोना वायरस (Indian coronavirus vaccine) के ब्रिटेन स्ट्रेन पर भी प्रभावी हो सकती है। दरअसल, भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus vaccine) से अब तक एक करोड़ से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और अब इसके नए स्ट्रेन ने भी लोगों को परेशान करके रख दिया है।
इसी बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर द्वारा ब्रिटेन के नए स्ट्रेन पर किए अध्ययन में सामने आया है कि ‘स्वदेशी वैक्सीन’ कोरोना वायरस (Indian coronavirus vaccine) के ब्रिटेन स्ट्रेन पर भी प्रभावी हो सकती है।
आईसीएमआर के मुताबिक, कोवैक्सीन ब्रिटेन स्ट्रेन के खिलाफ टीकाकरण किए गए व्यक्तियों की तुलनात्मक निष्प्रभावी गतिविधि को दर्शाता है, यानी कोवैक्सीन इस नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी हो सकती है।
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1. कोवैक्सीन को लेकर नेचर पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट
कुछ दिन पहले ‘नेचर’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि आईसीएमआर के वैज्ञानिक, जिन लोगों को कोवैक्सीन दी गई है, उनके एंटीबाडीज की जांच कर रहे हैं और यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि यह वैक्सीन नए प्रकार के वायरस का भी मुकाबला करने में सक्षम है या नहीं।
दरअसल, कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से विकसित किया है। तीन जनवरी को भारत सरकार ने इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। फिलहाल इसका इस्तेमाल टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है।
कोरोना वायरस की ‘स्वदेशी वैक्सीन’ (Indian coronavirus vaccine) कोवैक्सीन के पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे हाल ही में ‘द लैंसेट’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किए गए थे। ‘द लैंसेट’ के मुताबिक, जिन लोगों पर भी इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उसमें इससे जुड़ी किसी गंभीर घटना की खबर नहीं मिली।
2. कोवैक्सीन को लेकर भारत बायोटेके ने जारी की एडवाइजरी
भारत बायोटेक ने हाल ही में कोरोना वायरस की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Indian coronavirus vaccine) से जुड़ी एक एडवाइजरी जारी की थी और गर्भवती महिलाओं, तेज बुखार से पीड़ित लोग और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी थी। कंपनी ने यह भी कहा है कि किसी तरह की एलर्जी की शिकायत वाले लोगों को भी कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
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डिस्क्लेमर –
इस लेख में हमने आपको आईसीएमआर द्वारा स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर किए गए अध्ययन की जानकारी दी है। उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर इस लेख को लेकर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अपने फोन पर रोज़ाना स्वास्थ्य जानकारी प्राप्त करने के लिए डाउनलोड करें आयु ऐप।