इन रोगियों में कोरोना संक्रमण से मौत का खतरा अधिक, जानें क्यों?
कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर हाल ही में की गई रिसर्च में सामने आया है कि डायबिटीज (Diabetes) और हार्ट के मरीज़ों को कोरोना होने पर मौत का खतरा अधिक रहता है। चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि, ऐसे मरीज़ों में कोरोना का लेवल बढ़ता है। यह कोरोना (Corona) को संक्रमण फैलाने में मदद करता है। बॉडी में कोलेस्ट्रॉल जितना ज्यादा होगा जान का जोखिम भी उतना ही बढ़ेगा।
दरअसल, चाइनीज एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंस के वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च के में सामने आया है कि कोरोना के मामले में अक्सर मरीज में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है। यह कोरोनावायरस को संक्रमण फैलाने में मदद करता है।
संक्रमण के बाद वायरस कोलेस्ट्रॉल के कणों के साथ मिलकर खास तरह का रिसेप्टर SR-B1 तैयार करता है। ऐसा होने पर संक्रमण का लेवल और जान का खतरा दोनों बढ़ता है। आसान भाषा में समझें तो कोलेस्ट्रॉल जितना ज्यादा होगा जान का जोखिम भी उतना ही बढ़ेगा।
टाइप-2 डायबिटीज
नेशनल हेल्थ सर्विसेज के आंकड़े बताते हैं, कोरोना के 29 फीसदी मरीज हृदय रोगी और 19 फीसदी डायबिटीज से परेशान थे। इम्पीरियल कॉलेज लंदन की स्टडी में भी यह सामने आया है कि टाइप-2 डायबिटीज ये जूझने वाले कोरोना के मरीजों में मौत का खतरा टाइप-1 डायबिटीज के मुकाबले दोगुना है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए ये 5 बातें ध्यान रखें
- चाय पीने से पहले बादाम खाएं :- सुबह चाय पीने से 20 मिनट पहले बादाम का सेवन करें। बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं। ध्यान दें, बादाम रात को ही भिगो दें, और सुबह छीलकर सेवन करें।
- भोजन में अधिक से अधिक फाइबर हों : – भोजन में फाइबरयुक्त चीजों का ही सेवन करें। सलाद में शामिल तमाम तरह की सब्जियां जैसे प्याज, मूली, गाजर, चुकंदर फाइबर्स से युक्त होती हैं। ओट्स, स्प्राउट्स और शकरकंद में भी काफी मात्रा में फाइबर्स होते हैं।
- बाहर की तली हुई चीजों को ना कहें- खासकर एक ही तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए बाहर की चीजें अवॉयड करें।
- वनस्पतिक प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं : वनस्पतिक प्रोटीन से मतलब ऐसा प्रोटीन होता है जो वनस्पतियों यानी पेड़-पौधों से मिलता हो। यह प्रोटीन दालों, राजमा, चना, मूंगफली, सोयाबीन के जरिए हासिल किया जा सकता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को काफी तेजी से घटाने में मदद मिलती है।
इलाज के दौरान SR-B1 को न्यूट्रल करना जरूरी
रिसर्चर्स के मुताबिक, मरीज में कोरोना का संक्रमण रोकना है तो सबसे पहले SR-B1 रिसेप्टर को ब्लॉक करके खत्म करना होगा। इलाज के दौरान इसका ध्यान रखना जरूरी है। भविष्य में कोरोना के ट्रीटमेंट का यह जरूरी हिस्सा हो सकता है।
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