Latest health updates: सरकार ने माना कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में है कोरोना, जानें इसके मायने?

कोरोना वायरस (Coronavirus) भारत में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज में है। कई महीनों की ना नुकुर के बाद आखिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी ये बात स्वीकार कर ली है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज शुरू हो गया है।
1. कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या होता है?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मतलब जब कोई यह नहीं बता सकता कि बड़ी संख्या में लोगों को कोविड संक्रमण कैसे हुआ? यानी सरकारी मशीनरी को पता नहीं होता कि नए केसेस का सोर्स क्या है।
आसान शब्दों में कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकला तो यह बताना मुश्किल हो जाता है कि उस तक यह इंफेक्शन किस तरह पहुंचा होगा। कैरियर तक पहुंचना नामुमकिन हो जाता है।
महामारी के क्या स्टेज होते हैं?
- पहली स्टेज में कोई बीमारी महामारी में तब तब्दील होती है, जब कोई इंफेक्शन किसी देश में बाहर से आता है और उसकी उत्तपत्ति उस देश में नहीं होती। जो इंफेक्शन किसी एक देश में सीमित रहता है या उसे कुछ देशों में ही रोक लिया जाता है तो यह महामारी नहीं बनती।
- दूसरी स्टेज तब होती है, जब वायरस लोकल लेवल पर ट्रांसमिट होना शुरू हो जाता है। लोकल ट्रांसमिशन का मतलब होता है कि इंफेक्शन का सोर्स एक क्षेत्र में सीमित होना।
- तीसरी स्टेज होती है कम्युनिटी ट्रांसमिशन, जो फिलहाल भारत में है। इसके बाद महामारी की चौथी स्टेज भी होती है। इस केस में कोविड-19 कुछ देशों में स्थानीय बीमारी बन चुका है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या पूरे देश में हो रहा है?
- केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन ने रविवार को सोशल मीडिया पर अपने संडे संवाद कार्यक्रम में कहा कि पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन है, खासकर घनी आबादी वाले इलाकों में।
2. कोरोना से मस्तिष्क की तंत्रिका को खतरा!

कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा अब मस्तिष्क की तंत्रिका तक भी पहुँचने लगा है। इस तरह का देश का पहला केस दिल्ली के एम्स में दर्ज हुआ है। बता दें, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कोरोना वायरस का पहला ऐसा मामला रिपोर्ट किया, जिसमें संक्रमण की वजह से मरीज की ‘ब्रेन नर्व डैमेज’ (मस्तिष्क की तंत्रिका का क्षति होना) हो गई। मस्तिष्क की तंत्रिका के क्षति होने से 11 वर्षीय बच्ची की दृष्टि धुंधली हो गई।
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल न्यूरोलॉजी डिविजन के डॉक्टर बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द ही प्रकाशित करने की योजना बनाई जा रही है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, तंत्रिकाएं एक सुरक्षात्मक परत के साथ कवर होती हैं, जिसे मायलिन कहा जाता है जो मस्तिष्क से संदेशों को शरीर के अन्य हिस्सों में जल्दी और आसानी से स्थानांतरित करने में मदद करता है। एडीएस बीमारी में मायलिन और मस्तिष्क संकेतों को क्षति पहुंचती है। इसके अलावा तंत्रिका संबंधी कार्यों जैसे दृष्टि, मांसपेशियों की गति, इंद्रियों, मूत्राशय और आंतों की क्षमता भी प्रभावित होती है।
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