Latest Health Updates: कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडीज पुरुषों में अधिक- नई रिसर्च

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से लड़ने को लेकर तमाम तरह के रिसर्च सामने आ रहे हैं। हाल ही में कोरोना वायरस (Coronavirus) पर किए अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडीज पुरुषों में अधिक बनी। रिसर्च में दावा किया गया कि कोविड एंटीबॉडीज (Covid-19 Antibodies) महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक बन रही हैं। 90 फीसदी मरीजों में ये एंटीबॉडीज संक्रमण के बाद अगले 7 महीने तक रहती हैं।
ये रिसर्च यूरोपियन जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। रिसर्च के मुताबिक, शरीर का इम्यून सिस्टम कोरोनावायरस को पहले समझता है फिर इसे लड़ने के लिए एंटीबॉडीज रिलीज करता है।
ये एंटीबॉडीज वायरस से लड़ने में मदद करती हैं। मरीज़ों में एंटीबॉडीज किस हद तक बनीं, इसे समझने के लिए 300 कोरोना पीड़ितों का सीरोलॉजी टेस्ट किया गया।
रिसर्च के अगले पड़ाव में वैज्ञानिकों ने यह जांचा कि एंटीबॉडीज वायरस के एंटीजन से जुड़कर उसे खत्म कर देती हैं।
2. सर्दियों में प्रदूषण, कोरोना और सीजनल फ्लू बिगाड़ सकते हैं हालत, सांस के मरीज रहें अलर्ट

कोरोना वायरस का अटैक ज्यादातर नाक, गले और आंखों से शुरु होता है। कोरोना के वायरस का खतरा सांस के मरीज़ों को अधिक रहता है। और सर्दियों में अधिक ठंड की वजह से दमा के अटैक अधिक होते हैं। इसलिए समय पर दवाई के साथ कुछ खास नियमों का पालन करते रहें जैसे हल्के गुनगुने पानी का सेवन, नींबू की चाय, तुलसी और शहद का सेवन। जिससे आपको सांस की समस्या में भी राहत मिलेगी और कोरोना वायरस और प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहेगा।
डॉक्टरों के मुताबिक, सर्दियों में सांस से जुड़ी बीमारियां अधिक होती हैं और उनके लक्षण काफी हद तक कोविड-19 के लक्षण से मिलते-जुलते हैं। इस समय सबसे कॉमन सीज़नल फ्लू होता है। इसके अलावा आम सर्दी-खांसी भी होती है। मास्क लगाना न छोड़ें।
ये है खतरा
- सर्दी : इससे बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं कर पाते। अस्थमा के मरीज़ों को सर्दियों में परेशानी काफी बढ़ जाती है। दिल के रोगों का खतरा भी ज्यादा रहता है।
- प्रदूषण : इसका स्तर सर्दी में काफी बढ़ जाता है, इसलिए मरीजों की संख्या में भी इजाफा होता है। हर साल अक्टूबर और नवम्बर में अस्थमा और कार्डियक प्रॉब्लम बढ़ने का यह भी एक कारण है।
- कोरोना : यह वायरस सीधे फेफड़ों पर अटैक कर रहा है। कोरोनावायरस अस्थमा और कार्डियक पेशेंट्स को गंभीर हालात में ले जा रहा है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
3. कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेस का ह्यूमन ट्रायल जल्द

कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) COVAXIN के तीसरे फेस का ह्यूमन ट्रायल (Human Trial) जल्द ही भुवनेश्वर के एक प्राइवेट अस्पताल में शुरू होगा।
COVAXIN ह्यूमन ट्रायल मामले में चीफ इनवेस्टीगेटर और डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एट द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड SUM हॉस्पिटल के प्रोफेसर डॉ. ई. वेंकट राव ने बताया कि कोविड-19 के वैक्सीन की खोज लगभग अंतिम चरण में पहुंच गई है। IMS और SUM हॉस्पिटल देश के उन 21 मेडिकल इंस्टीट्यूट में से हैं,
देशभर से जिनका चयन इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिचर्स (ICMR) की ओर से तीसरे फेस के ट्रायल के लिए किया गया है। बतादें, आईसीएमआर और भारत बायोटेक की ओर से देश में निर्मित इस वैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल के लिए सेंट्रल ड्रग स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की ओर से मंजूरी मिल गई है।
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