Latest Health update: कोरोना काल में घटती एंटीबॉडी फिर से हो सकती है तैयार, जानें कैसे?
कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से दुनिया प्रभावित रही, अभी तक भी इस पर कोई असरदार वैक्सीन नहीं बन पाई है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से उबरने के बाद शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडीज (Antibodies’s) बना लेता है।
शुरुआती रिसर्च में सामने आया था कि एंटीबॉडीज कुछ समय बाद घटने लगती हैं। अब वैज्ञानिकों ने कहा है कि घटती एंटबॉडी (Antibodies’s) से घबराने की जरूरत नहीं है।
1. जानें क्यों घटती है एंटीबॉडीज?
शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर को कोरोना वायरस से ठीक होने के तुरंत ही एंडीबॉडीज (Antibodies’s) की जरूरत नहीं होती है। अध्ययन में पता चला है कि इम्यूनिटी (Immunity) सेल्स वायरस को याद रखती हैं, इसलिए जरूरत के वक्त दोबारा एंटीबॉडीज (Antibodies’s) बना सकती हैं।
यह रिसर्च लंदन के इंपीरियल कॉलेज द्वारा प्रकाशित किया गया है। जिसमें कहा गया है कि
किसी बैक्टीरिया या वायरस के शरीर में घुसने पर इम्यून सिस्टम ही एंटीबॉडी बनाता है, यह उन घुसपैठियों की पहचान करता है। जब संक्रमण खत्म हो जाता है, तो इसका स्तर भी कम हो जाता है।
2. शरीर में इम्यूनिटी कम होना सामान्य प्रक्रिया है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण मुक्त होने के बाद शरीर में एंटीबॉडी का कम होना बेहद सामान्य है, ये इम्यूनिटी सेल्स वायरस को अपनी मेमोरी में रखती हैं और जरूरत होने पर ताजी एंटीबॉडी बना सकती हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. स्कॉट हेन्स्ले के मुताबिक, पूरी तरह संक्रमण मुक्त होने के बाद एंटीबॉडी कम होने का मतलब है कि इंसान का इम्यून सही काम कर रहा है। लंबे समय तक एंटीबॉडी नही होने का मतलब यह नहीं कि इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया है।
2. कोविड-19 के प्रसार में मौसम का नहीं पड़ता प्रभाव- रिसर्च
कोरोना वायरस का संक्रमण कैसे लोगों में फैलता है, किस मौसम में इसका प्रभाव अधिक होता है इसे लेकर किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार में तापमान या आर्द्रता की कोई प्रभावी भूमिका नहीं है।
यह रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित की गई है। इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसार पूरी तरह से मानवीय व्यवहार पर निर्भर करता है, न कि गर्मी या सर्दी के मौसम पर।
बतादें, अमेरिका के ऑस्टिन स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर देव नियोगी ने अध्ययन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, ‘‘मौसम का प्रभाव कम है और अन्य पहलुओं जैसे लोगों की आवाजाही आदि संक्रमण के प्रसार में अधिक प्रभावी हैं। संक्रमण के प्रसार के संदर्भ में विभिन्न कारकों को देखें तो मौसम सबसे आखिरी में आता है।’
लेटेस्ट कोरोना वायरस अपडेट्स और किसी भी बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श के लिए डाउनलोड करें ”आयु ऐप’।