Latest Health Updates: जॉनसन एंड जॉनसन जल्द करेगी कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग
Corona Vaccine testing: कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की टेस्टिंग 12 से 18 वर्ष के किशोरों पर जल्द ही की जाएगी। दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) पर तेजी से रिसर्च और ट्रायल जारी हैं।
ब्रिटेन में इसके क्रिसमस से पहले आने की उम्मीद है। अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि वो बहुत जल्द किशोरों पर इसकी टेस्टिंग शुरू करने जा रही है।
www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.58 करोड़ से ज्यादा हो गया है। जिनमें से 3 करोड़ 32 लाख 37 हजार 845 मरीज रिकवर हो चुके हैं। वहीं अब तक 11.93 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
1. कोरोना वैक्सीन पर जॉनसन एंड जॉनसन का बयान
अमेरिका में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की मीटिंग हुई। इसमें शामिल जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने कहा- हम 12 से 18 साल के किशोरों पर वैक्सीन की टेस्टिंग बहुत जल्द शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि, सेफ्टी को लेकर हम काफी सतर्कता बरत रहे हैं।
2. कोविड मरीजों के लिए पटाखों वाली दिवाली बन सकती है खतरा !
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार कोविड-19 मरीजों को एक्सपर्ट्स पटाखों से बचने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि सर्दी-प्रदूषण का मिश्रण खतरनाक है और कोविड के मरीज और इससे ठीक हुए मरीजों पर भी इसका असर भारी पड़ सकता है।
इस बार सर्दी और प्रदूषण के प्रकोप से कोरोना और खतरनाक रूप ले सकता है, इसलिए दीवाली से होने वाले प्रदूषण से सचेत एक्सपर्ट्स का कहना है कि ‘पटाखे जब फोड़े जाते हैं तो स्मॉल पार्टिकल्स हवा में घुलते हैं जिसे हम aerosol बोलते हैं, इससे कोविड का वायरस फैलता है, दिवाली में पटाखों से ये और ज्यादा फैलेगा।’
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ठंड के वक्त प्रदूषण और वायरल इंफेक्शन बढ़ते हैं, दिवाली में प्रदूषण बढ़ने के कारण दमे के मरीजों और कोविड के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।’
इसलिए दिवाली पर कोविड-19 से संक्रमित मरीज और जो संक्रमित नहीं हैं सभी इस समय में स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें और सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें।
3. Remdesivir, Favipiravir के इस्तेमाल पर कोर्ट ने भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रेमडेसिवीर (Remdesivir) और फेवीपिराविर (Favipiravir) को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।
दरअसल, इन दवाओं के अवैध लाइसेंस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें सीबीआई को कथित रूप से बिना वैध लाइसेंस के कोविड-19 रोगियों का इलाज करने वाली दवाओं के तौर पर रेमडेसिवीर (Remdesivir) और फेविपिराविर (Favipiravir) के उत्पादन और बिक्री के लिए भारत की 10 दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
बतादें, वकील एम एल शर्मा ने शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से वैध लाइसेंस प्राप्त किए बिना कोविड-19 (Covid-19) रोगियों के इलाज के लिए दवाओं का उत्पादन किया जा रहा है और इन्हें बेचा जा रहा है।
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