Corona Brief News: कोरोना वैक्सीन की दिशा में कामयाबी, सर्जिकल मास्क और मेडिकल गॉगल्स का निर्यात करेगा भारत
Corona Vaccine Moderna : COVID-19 वैक्सीन ने एक मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता विकसित की है, यह अमेरिकी बायो टेक कंपनी मॉडर्ना ने बनाई है जिसका बंदरों पर शानदार असर देखा गया है। दूसरी ओर सर्जिकल मास्क और मेडिकल गॉगल्स के (export of surgical masks and medical goggles) ‘बिना किसी शर्त के’ निर्यात को केंद्र सरकार ने मंजूरी (restriction free export) दे दी है।
1. कोरोना वैक्सीन की दिशा में कामयाबी
मॉडर्ना की COVID-19 दवा का बंदरों पर शानदार असर
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन पर दुनिया भर में काम चल रहा है। इस बीच, अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की COVID-19 वैक्सीन बंदरों पर अच्छी तरह से काम कर रही है। COVID-19 वैक्सीन ने एक मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता विकसित की है। साथ ही कोरोनावायरस को बंदरों की नाक तथा फेफड़ों में संक्रमण फैलाने से रोक दिया।
मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन का खुलासा न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में किया गया है। बतादें, मॉडर्ना की जानवरों पर स्टडी में कहा गया है कि आठ बंदरों के तीन समूहों को प्लेसीबो या फिर वैक्सीन के दो अलग-अलग डोज- 10 माइक्रोग्राम और 100 माइक्रोग्राम- दिए गए. जिन बंदरों को टीके लगाए गए थे, सभी ने वायरस को खत्म करने वाले एंटीबॉडीज का अच्छी-खासी मात्रा में उत्पादन किया, जो सार्स कोव-2 (SARS-CoV-2) वायरस से मुकाबला करते हैं।
2. सर्जिकल मास्क और मेडिकल गॉगल्स का निर्यात करेगा भारत
सर्जिकल मास्क और मेडिकल गॉगल्स के (export of surgical masks and medical goggles) ‘बिना किसी शर्त के’ निर्यात को केंद्र सरकार ने मंजूरी (restriction free export) दे दी है।
सरकार से मिली मंजूरी के बाद भारत हर महीने चार करोड़ सर्जिकल मास्क और 20 लाख मेडिकल गॉगल्स निर्यात करेगा।
इस खबर की पुष्टि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 29 जुलाई को ट्वीट कर दी। उन्होंने बताया कि ‘पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र का अनुसरण करते हुए, मेक इन इंडिया और भारत के औद्योगिक विकास को प्रमोट करने के लिए, सरकार ने हर महीने 4 करोड़ 2/3 प्लाई वाले सर्जिकल मास्क और 20 लाख मेडिकल गॉगल्स के निर्यात की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही फेस शील्ड के निर्यात पर भी अब कोई शर्त नहीं रहेगी।’
3. COVID-19 वैक्सीन की आपूर्ति कर सकता है अमेरिका -ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि कोरोना वायरस का टीका तैयार होने के बाद अमेरिका दूसरे देशों को वैक्सीन (vaccine) की आपूर्ति कर सकता है। बता दें कि दुनिया के कई देश में COVID-19 की वैक्सीन विकसित करने में जुटे हैं। भारत भी इन देशों की सूची में शामिल है।
ट्रंप सरकार का इस साल के अंत तक या 2021 के शुरुआत तक वैक्सीन उपलब्ध करने का लक्ष्य है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने संभावित टीके के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है। इस टीके को अमेरिकी बायोटेकनॉलिजी कंपनी मोडेरना ने विकसित किया है।
एनआईएच की योजना बड़े पैमाने पर वैक्सीन की क्लिनिकल टेस्टिंग की है। यह करीब 30,000 व्यस्क वालेंटियर को इस प्रक्रिया में शामिल करना चाहता है।
4. नया कोरोना काफी अलग तरह से व्यवहार करता है-
कोरोना नई तरह का वायरस है यह इंफ्लुएंजा की तरह बर्ताव नहीं करता है जो सिर्फ खास मौसम में होता है। नया कोरोना अलग तरह से बिहैव करता है।
डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गेरेट हैरिस ने कोरोनावायरस के ट्रांसमिशन पर सवालों का जवाब देते हुए कहा, यह महामारी सीजनल बीमारी नहीं बल्कि एक बड़ी लहर है।
मार्गेरेट हैरिस के मुताबिक, कोरोना का वायरस हर मौसम में सक्रिय रहता है। दक्षिणी गोलार्ध में कोरोना के साथ सीजनल इंफ्लुएंजा के मामलों का बढ़ना एक संयोग मात्र है।
डब्ल्यूएचओ इस पर लगातार नजर रखे हुए है। अब तक लैब में आए सैम्पल में फ्लू के अधिक मामले सामने नहीं आए हैं। अगर आप पहले ही सांस से जुड़ी कोई बीमारी से जूझ रहे हैं तो संक्रमण होने पर हालत और नाज़ुक हो सकती है। ऐसे में हम आग्रह कर रहे हैं कि लोग फ्लू की वैक्सीन को लगवाएं।
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