Weekly Health update: कोरोना वैक्सीन पर कितना काम हुआ और आगे क्या है वैक्सीन को लेकर तैयारी?
Coronavirus Vaccine Update: कोरोना वैक्सीन का दुनिया भर में क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है, लेकिन अभी कहीं से भी फाइनल नतीजे नहीं आए हैं। कई देशों ने तो कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल (Human Trial) भी शुरू कर दिया है।
इंसानों पर कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए हरियाणा के रोहतक से एक शख्स सामने आया है। उसका कहना है कि जिस तरह से सैनिक देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक की चिंता नहीं करते, उसी तरह मैंने भी देश के लिए अपना योगदान दिया।
- पटना एम्स में भारत के पहले स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल के अगले चरण की तैयारी शुरु हो गई है। 29 जुलाई से वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज दोनों साथ-साथ चलेगा, सेकंड डोज भी में हाफ एमएल इंजेक्शन दी जाएगी। 150 वैक्सीन पर अभी काम जारी है। और अधिक जानें–
दुनिया में 150 वैक्सीन पर काम जारी, रेस में आगे ये चार टीके
तेज़ी से बेअसर हो रही हैं कोविड एंटीबॉडी, इम्युनिटी आखिर कितनी देर की?
Covid-19 एंटीबॉडी के बेहतर परिणाम को लेकर जहां सरकारें और लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं, इसी बीच एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एंटीबॉडी स्तर तेज़ी से कम हुआ है एंटीबॉडीज़ का यह नुकसान कोरोना वायरस के पिछले वर्जन SARS की तुलना में ज़्यादा तेज़ी से हुआ। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन – अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-
वैक्सीन से पहले हर्ड इम्यूनिटी मुश्किल-
हर्ड इम्यूनिटी पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी या तो वैक्सीन के जरिए या फिर एंटीबॉडी के जरिए बनती है। यानी कि पहले बीमारी होने के बाद लोग उससे ठीक हो चुके हैं। हर्ड इम्यूनिटी बनना भारत जैसे देश के लिए बहुत जटिल है। इसलिए हर्ड इम्यूनिटी का प्रयोग-
मॉडर्ना की COVID-19 दवा का बंदरों पर शानदार असर
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन पर दुनिया भर में काम चल रहा है। इस बीच, अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की COVID-19 वैक्सीन बंदरों पर अच्छी तरह से काम कर रही है। COVID-19 वैक्सीन ने एक मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता विकसित की है। साथ ही कोरोनावायरस को बंदरों की नाक तथा फेफड़ों में संक्रमण फैलाने से रोक दिया। अधिक जानें-
लेटेस्ट कोरोना अपडेट्स और किसी भी बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श के लिए डाउनलोड करें ”आयु ऐप’।