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Corona brief news: वैक्सीन से पहले क्या भारत में तैयार होगी हर्ड इम्यूनिटी? अमेरिकी शोधकर्ताओं का दावा-

Corona brief news: वैक्सीन से पहले क्या भारत में तैयार होगी हर्ड इम्यूनिटी? अमेरिकी शोधकर्ताओं का दावा-

Covid-19 Vaccine: वैक्सीन से पहले भारत में हर्ड इम्यूनिटी तैयार हो चुकी होगी या नहीं, इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिया है। दूसरी ओर अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दावा किया है कि चमगादड़ में दूसरे वायरस की मौजूदगी इंसानों में संक्रमण का खतरा और बढ़ा सकती है।

1.वैक्सीन से पहले हर्ड इम्यूनिटी मुश्किल-

हर्ड इम्यूनिटी पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी या तो वैक्सीन के जरिए या फिर एंटीबॉडी के जरिए बनती है। यानी कि पहले बीमारी होने के बाद लोग उससे ठीक हो चुके हैं। हर्ड इम्यूनिटी बनना भारत जैसे देश के लिए बहुत जटिल है। इसलिए हर्ड इम्यूनिटी का प्रयोग करना संभव नहीं है। 

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Corona vaccine-Herd-immunity

जानें क्या है हर्ड इम्यूनिटी-

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, हर्ड इम्यूनिटी संक्रमण को रोकने में दो-तरफा कारगर होती है।  80 प्रतिशत लोगों के इम्यून होने पर 20 प्रतिशत लोगों तक संक्रमण नहीं पहुँचता है। उसी तरह अगर किन्हीं विपरीत परिस्थितियों में इन 20 प्रतिशत लोगों को कोरोना संक्रमण हो जाता है तो वह बाकी 80 प्रतिशत तक नहीं पहुँचेगा क्योंकि वे पहले से इम्यून हैं। ऐसे में वायरल संक्रमण के फैलाव की प्रक्रिया रुक जाती है और महामारी से निजात मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

2.हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कितना इस्तेमाल हो रहा है?

खास तौर से मलेरिया और रूमैटिक रोगों में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) को कोविड 19 के दौर में बेहद प्रचार मिलने से इसका बाज़ार स्वाभाविक रूप से बहुत बड़ा हुआ। इस साल के अंत तक इस दवा के ग्लोबल बाज़ार में 100 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी के अनुमान हैं। भारत इस दवा का सबसे बड़ा निर्माता रहा है और अच्छा खासा एक्सपोर्टर भी।

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Hydroxychloroquine Coronavirus vaccine

जिन देशों ने कोविड-19 से निपटने के लिए भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की मांग की थी, उस लिस्ट में ब्राज़ील, जर्मनी के साथ ही दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी देश भी शामिल थे। भारत ने बढ़ी मांग के चलते उसी दौरान स्थानीय ज़रूरत को पूरा करने के लिए इस दवा के निर्यात पर बैन भी लगाया था, लेकिन अमेरिका और अन्य देशों की मांग के चलते भारत को यह बैन हटाना पड़ा था और इसके बाद अमेरिका ने करीब 3 करोड़ टैबलेट्स सुरक्षित कर ली थीं.

3.चमगादड़ में 70 साल से सर्कुलेट हो रहा था कोरोनावायस

चमगादड़ में दूसरे वायरस की मौजूदगी इंसानों में संक्रमण का खतरा और बढ़ा सकती है। यह रिसर्च कोरोना की उस थ्योरी पर सवाल उठाती है जिसमें कहा गया था कि इसे लैब में तैयार किया है।

दरअसल, कोरोना और चमगादड़ के कनेक्शन पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में सामने आए नतीजे जारी किए हैं। पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मेसीज बोनी ने इस बात का खुलासा किया है। 

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Coronavirus Disease (COVID 19) Circulating In Bats For Decades

नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने वर्तमान वायरस (Sars-CoV-2) के जीनोम सिक्वेंस का मिलान इसके पूर्वज (RaTG13) से किया तो दोनों में काफी समानताएं दिखीं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, वर्तमान में जो कोरोनावायरस महामारी फैला रहा है उसके पूर्वज चमगादड़ में 40 से 70 साल पहले से मौजूद थे। धीरे-धीरे ये इंसानों में पहुंचने के लिए तैयार हुए।

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