Latest Health Updates: कोरोना वैक्सीन के ‘कोवाक्स प्लान’ में शामिल हुए 184 देश, जानें क्या है वैक्सीन का कोवैक्स प्लान?
कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) पर दुनिया के कई देशों में काम चल रहा है, लेकिन ये कहना मुश्किल है कि कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) आखिर कब तक बाज़ार में आएगी? और वैक्सीन तैयार होने के बाद सबसे पहले किसे मिलेगी?
1. कोरोना वैक्सीन का ‘कोवाक्स प्लान’
इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, गावी और सीईपीआई नामक संस्था ने मिलकर एक प्लान बनाया, जिसके तहत सभी को समय पर और उचित मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके। इसी प्लान को ‘कोवाक्स प्लान’ या ‘कोवाक्स फैसिलिटी’ नाम दिया गया है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस ने कहा है कि अब तक दुनिया के 184 देश ‘कोवाक्स प्लान’ में शामिल हो चुके हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कोरोना वायरस के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्लान का उद्देश्य कोरोना की वैक्सीन का सभी संपन्न और कम संपन्न देशों में समान रूप से वितरण करना है।
‘कोवाक्स प्लान’ का हिस्सा नहीं है अमेरिका
वैसे तो ‘कोवाक्स प्लान’ में शामिल होने की आखिरी तारीख 18 सितंबर तय की गई थी, लेकिन उसके बाद भी कई देश इस प्लान में शामिल हुए हैं। हालांकि अमेरिका इस प्लान का हिस्सा नहीं है। उसने वैक्सीन की खरीद के लिए कंपनियों से अलग से कई समझौते किए हुए हैं।
2. कोरोना वायरस का इलाज के तरीके जानें
कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से बचने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है। कोरोना के अधिक मामलों में अमेरिका (80 मिलियन से ज्यादा) पहले तो भारत (70 मिलियन से ज्यादा) दूसरे स्थान पर हैं। दोनों ही देशों में लोग कोरोना की वैक्सीन (Vaccine) के लिए आस लगाए बैठे हैं।
कोरोना के गंभीर रोगियों में हो सकता जोखिम कम स्टेरॉयड (Steroids) जैसे डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) की मदद से कोरोना (Covid 19) के गंभीर मरीज़ों में मौत की संभावना को कम किया जा सकता है, लेकिन वह कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीज़ों के विपरीत हो सकते हैं।
ग़ौरतलब है कि अमेरिका में कोविड-19 के लिए अभी तक कोई सुगम इलाज की व्यवस्था नहीं की गई है। लेकिन इमरजेंसी में और गंभीर रूप से पीड़ितों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। नए अध्ययनों के सामने आते ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने दिशा-निर्देशों के तहत विशेषज्ञों के एक पैनल को बुलाया है।
मरीज़ों के लिए सलाह
अस्पताल में भर्ती मरीज, घर पर आइसोलेट रोगी और जिन्हें ऑक्सीजन की ज्यादा जरुरत नहीं हैं। ऐसे मरीजों को कोई विशिष्ट दवाओं की सिफारिश नहीं की गई है और न ही स्टेरॉयड के उपयोग के लिए कोई चेतावनी जारी की गई। वहीं, जो लोग अस्पताल में हैं और ज्यादा ऑक्सीजन की जरुरत वाले मरीज हैं, लेकिन सांस लेने के लिए मशीन पर निर्भर नहीं हैं, उनके लिए एंटीवायरल ड्रग रेमेडिसिविर IV के माध्यम से दी जाती है क्योंकि कुछ मामलों में यह एक तरह से स्टेरॉयड भी है।
3. कोरोना के इलाज के लिए बंद हो सकता है प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल
कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज के लिए अब से प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी
ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, ‘हमने नेशनल टास्क फोर्स में हमारे प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल के बारे में चर्चा की है, आगे हम जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप में इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं कि इसको नेशनल गाइडलाइंस से हटाया जा सकता है। यह चर्चा चल रही है और हम लगभग इसी और बढ़ रहे हैं।’
मालूम हो, सितंबर महीने में आईसीएमआर के प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर किए गए ट्रायल के नतीजे सामने आए जिसमें कहा गया कि प्लाज्मा थेरेपी ना तो कोरोना मरीजों की मौत रोकने में कामयाब हो पा रही है, ना ही हालात बिगड़ने की रफ्तार पर ब्रेक लगा पा रही है।
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