Corona update: कोरोना के इलाज को ऐसे समझें, कब और कौन सा टेस्ट कराएं, कोरोना की दूसरी लहर से बचाव के उपाय

सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर का वायरस ज्यादा खतरनाक और यूके वेरिएंट से मिला-जुला बताया जा रहा है। लगातार अखबारों के आंकड़े डरावने और भयानक हैं। अस्पताल कोरोना मरीजों से खचाखच भरें हैं ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचने में ये गाइड मददगार होगी। पढ़िए इस लेख में….
ये लक्षण दिखने पर कराएं कोरोना टेस्ट
- बुखार
- बदन दर्द
- सांस लेने में परेशानी
- स्वाद और खुशबू नहीं आना
- ठंड लगना
कब टेस्ट न कराएं
- वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद 2 हफ्ते से अधिक का समय गुजर चुका हो
- कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद भी टेस्ट की जरूरत नहीं
- कोरोना वायरस के कोई लक्षण न दिख रहे हों।
कौन सा टेस्ट कराएं

Coronavirus testing
रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) से तत्काल रिपोर्ट मिल जाती है। अगर (RAT) पॉजिटिव आती है तो कोविड कंफर्म है। लेकिन अगर नेगेटिव आती है। और फिर भी लक्षण आते हैं तो पुष्टि के लिए RT-PCR टेस्ट कराएं।

Coronavirus test
RAT
तरीका- नाक से स्वैब लिया जाता है।
समय – 15 से 20 मिनट
RT-PCR
तरीका- नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है।
समय – 4 से 5 घंटे

Corona RT-PCR TEST
CT वैल्यू और CT स्कोर, दो अलग-अलग चीजें हैं।
- RT- PCR टेस्ट में पता चलने वाली CT वैल्यू ये बताता है कि मरीज में वायरस लोड कितना है।
- 24 से कम वैल्यू वालों को खतरा अधिक है। इससे ऊपर वालों को कम
- डॉक्टर्स कुछ मरीजों के चेस्ट स्कैन के लिए कहते हैं। इसमें अधिक CT स्कोर वाले मरीजों को अधिक खतरा होता है।
कोविड-19 स्टेजेस
स्टेज-1 : होम क्वारेंटाइन या आइसोलेशन वार्ड
कब: कोई भी लक्षण नहीं होना, कभी-कभी हल्का बुखार
सर्दी, गला बंद होना, उल्टी दस्त ।
स्टेज-2 (A) : आइसोलेशन वार्ड, हॉस्पिटल/ICU
कब- बुखार लगातार बने रहना, सर्दी, सीने के सीटी स्कैन में घावों का नजर आना
स्टेज-2 (B) : ICU
कब- निमोनिया होना, खून में ऑक्सीजन लेवल 92 प्रतिशत से कम होना।
स्टेज-3 : ICU
कब- सांस लेने में परेशानी होना, लगातार ऑक्सीजन लेवल कम होना, दिल का दौरा पड़ना, खून का थक्का जमना. किडनी का काम बंद कर देना या कम कर देना।
मरीजों के लिए उपलब्ध दवाएं और थेरेपी
रेमडेसिविर
कब और किसे दी जा सकती है
- जिन्हें आरटी-पीसीआर में संक्रमण की पुष्टि हुई हो।
- खून में ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से कम हो।
- सीने के सीटी-स्कैन या एक्स-रे में संक्रमण की पुष्टि होने पर
नोट- मरीज को 9 दिनों के भीतर पहला डोज देने की सलाह, मौत को रोकने की क्षमता नहीं, पर रिकवरी के लिए उपयोगी।
फेविपिराविर
किसे और कब दी जा सकती है
- जिन्हें आरटी-पीसीआर में कोरोना की पुष्टि हुई हो।
- बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ हो।
- उम्र- 18 से 75 के बीच
नोट- नेशनल गाइडलाइन में इसे लगाने की सलाह नहीं दी गई है। डॉक्टर्स के अनुसार यह केवल संक्रमण के शुरुआती 72 घंटे में दिए जाने पर ही असर करती है।
ब्लड प्लाज्मा थेरेपी
किसे और कब दी जा सकती है
- जिन्हें आरटी-पीसीआर में संक्रमण की पुष्टि हुई हो। उम्र 18 साल से अधिक हो।
- बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ हो। खून में ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से कम हो।
नोट- गंभीर मरीजों के लिए कारगर नहीं, यह थेरेपी मरीजों को केवल इलाज के लिए तैयार करती है।
बचाव ही उपाय है
- ये तीनों थेरेपी केवल एक प्रकार का उपयोग है।
- कोरोना के लिए अभी तक कोई दवाई नहीं है।
- मास्क पहनिए, हाथ धोते रहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करिए ।
डिस्क्लेमर-
दोस्तों इस लेख में कोरोना की संपूर्ण जानकारी दी गई है, कोरोना के लक्षण, कब वैक्सीन लगवानी चाहिए आदि-आदि । अगर आपको कोरोना की यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आपको थोड़ी भी स्वास्थ्य परेशानी होती है तो बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टरों से परामर्श करें। घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें और दवाईयां मंगवाने के लिए www.aayu.app पर विजिट करें।
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Source – https://www.mohfw.gov.in/indexhindi.html