Corona Brief News: अब बिना डॉक्टर की पर्ची के करा सकेंगे कोरोना टेस्ट, भारत में घटी Corona मृत्युदर
Corona Test new norms: कोरोना टेस्टिंग (Corona testing) के लिए अब आपको डॉक्टर की पर्ची का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कोरोना टेस्टिंग के नए नियमों के मुताबिक अब मरीज़ डॉक्टर की पर्ची नही होने पर भी कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं। भारत में कोरोना से स्वस्थ लोगों का आंकड़ा 30 लाख पार पहुँच गया है, वहीं मृत्युदर में भी गिरावट आई है।
1.कोरोना टेस्टिंग के नियमों में बड़ा बदलाव
कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए भारत सरकार ने कोरोना टेस्टिंग की रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। इस आदेश के बाद अब कोई भी अपना कोविड टेस्ट करा सकता है। इसके लिए अब चिकित्साधिकारी का आदेश और किसी भी डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं होगी।
एक आदेश में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन्स में काम कर रहे हेल्थवर्कर्स का टेस्ट जरूर होना चाहिए। इस आदेश के बाद किसी में लक्षण हों या ना हों अब कोई भी अपनी जांच करा सकता है।
ICMR की नई नीति के मुताबिक, अस्पतालों में गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित सभी रोगियों की जांच होगी। इसके साथ ही हेल्थ केयर सेंटर में मौजूद सभी लक्षण वाले लोगों की जांच होगी।
किसी दूसरे राज्य या दूसरे देशों की यात्रा करने वालों के लिए कोविड-19 निगेटिव होना अनिवार्य है। कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैकिंग की रणनीति अपनाई जानी चाहिए।
2. कोई भी वैक्सीन कोरोना को रोकने में नहीं असरदार -WHO
कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनिया नज़र गड़ाए बैठी है, दुनिया के कई देशों में वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है, और कोरोना वैक्सीन नवंबर तक आने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन कोरोना वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ा बयान दिया है।
WHO के बयान के मुताबिक, दुनिया की कोई भी वैक्सीन 50 फीसदी तक भी कोरोना को रोकने में असरदार नहीं है। संगठन का कहना है कि बड़े पैमाने पर कोरोना के टीकाकरण की उम्मीद अगले साल मध्य तक भी नहीं की जा सकती। अभी भी दुनियाभर में वैक्सीन के ट्रायल पूरे नहीं हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉ. मारग्रेट हैरिस ने कहा, दुनियाभर की कई वैक्सीन एडवांस स्टेज के क्लीनिकल ट्रायल में हैं। इनमें से कोई भी वैक्सीन कोरोना को रोकने में 50 फीसदी तक भी असरदार साबित नहीं हुई है।
3. भारत में घटी कोरोना मृत्युदर, स्वस्थ होने वाले 30 लाख पार
दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है, लेकिन भारत के लिए खुशख़बरी है। भारत में कोविड-19 (COVID-19) के स्वस्थ हुए मरीज़ों की संख्या 30 लाख के पार पहुँच चुकी है। वहीं स्वस्थ होने की दर 77.15 फीसदी तक पहुंच गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण से मृत्यु दर घटकर 1.74 फीसदी रह गई है। देश में फिलहाल 8,31,124 लोगों का इलाज चल रहा है जो कि कुल मामलों का 21.11 फीसदी है। देश में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख से पार हो गए थे जबकि 23 अगस्त को यह आंकड़ा 30 लाख के पार चला गया।
4. एक बार संक्रमित हुए तो 4 माह तक रहता है एंटीबॉडी का असर
कोरोनावायरस (Coronavirus) पर एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि कोरोना (Corona) का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को लेकिन सबसे ज्यादा इम्युनिटी रेस्पॉन्स इनमें ही देखा गया है। अगर अधिक उम्र वाले एक बार संक्रमित हुए तो 4 माह तक इनके शरीर में एंटीबॉडी का असर रहता है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, संक्रमण के बाद हर मरीज में एंटीबॉडी नहीं बनती हैं क्योंकि कुछ लोगों में वायरस से लड़ने की इम्युनिटी काफी कमजोर होती है। रिसर्च की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बुजुर्ग कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन एंटीबॉडी का सबसे बेहतर इम्यून रेस्पॉन्स इन्हीं में ही देखा गया।
जानें क्या हैं एंटीबॉडीज?
जब इंसान किसी वायरस के संपर्क में आता है तो शरीर का इम्यून सिस्टम उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाता है। ये वायरस को शरीर में फैलने से रोकती हैं। शरीर में इसका लेवल पता करने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट कराया जाता है।
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