Corona brief news: स्मार्ट हेलमेट से होगा कोरोना टेस्ट, वैक्सीन की कीमत 1000 रुपये

Smart helmet: स्मार्ट हेलमेट से मुंबई के कई इलाकों में कोरोना की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके जरिए एक मिनट में 200 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सकती है। स्क्रीनिंग के जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि किसी के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक तो नहीं क्योंकि बुखार आना भी कोरोना का एक लक्षण है।
कैसे काम करता है स्मार्ट हेलमेट corona test with Smart helmet
यह हेलमेट एक साथ कई लोगों को डाटा उपलब्ध करता है। हेलमेट को स्मार्टवॉच से जोड़ा गया है। जैसे ही इसके कैमरे की नजर इंसान पर पड़ती है तुरंत उसके शरीर के टेम्प्रेचर का डाटा स्मार्ट वॉच में आ जाता है। स्मार्ट वॉच से जांच करने वालों का कहना है कि यह एक सेकंड में 13-14 लोगों की स्क्रीनिंग कर सकता है।
2.. भारत में 1000 रुपये कोरोना वैक्सीन की कीमत’ -Corona vaccine

भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन की कीमत 1000 रुपये के आसपास या इससे कम हो सकती है। पूरी दुनिया कोरोना संकट का सामना कर रही है. इसलिए वैक्सीन की मांग बहुत ज्यादा होगी। भारत में इस वैक्सीन का प्रोडक्शन करने जा रहे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India CEO Adar Poonawalla) के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि हम बड़े पैमाने पर इस वैक्सीन का प्रोडक्शन करने जा रहे हैं और इस हफ्ते वैक्सीन के लिए मंजूरी लेने जा रहे हैं। पूनावाला ने बताया कि दिसंबर तक ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन की 30-40 करोड़ डोज बनाने में हम सफल हो जाएंगे।
3.सिंगापुर में भारतीय मूल की नर्स को COVID सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रपति अवॉर्ड’

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दिए योगदान के लिए भारतीय मूल की नर्स को सिंगापुर में राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। कोरोना महामारी के समय में इस नर्स ने जिस तरह से मरीजों की देखभाल की उसे देखते हुए उन्हें ”नर्सों के लिए राष्ट्रपति अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया है। इस बात की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट करके की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा करते हुए बताया कि कला नारायणसामी भी उन पांच नर्सों में शामिल हैं, जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
कला नारायणसामी, वुडलैंड्स हेल्थ कैंपस में नर्सिंग की उप निदेशक हैं. उन्हें संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करने के लिए सम्मानित किया गया है। कला नारायणसामी ने साल 2003 में सार्स (SARS) के दौरान संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं के बारे में सीखा था।
4. बेअसर हो रही हैं कोविड एंटीबॉडी
कोरोना महामारी में भारत अपने आंकड़ों में रिकवरी रेट (Recovery Rate) के बेहतर होने को प्रचारित करता रहा है। एक शोध में कहा गया है कि Covid-19 से रिकवर हो चुके मरीज़ भविष्य में इन्फेक्शन होने से लंबे समय तक बचे रहें, ऐसा मुश्किल है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च के हवाले से कहा गया कि कोविड 19 के उन 34 मरीज़ों पर परीक्षण किया गया, जिनमें हल्के लक्षण दिखे थे। इन 34 में से किसी को भी आईसीयू की ज़रूरत नहीं थी, सिर्फ दो को ऑक्सीजन और एचआईवी का इलाज दिया गया था। साथ ही, इन्हें वेंटिलेटर और रेमडेसिविर की ज़रूरत भी नहीं पड़ी थी। इन मरीज़ों के खून के नमूनों की जांच की गई।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन मरीज़ों में सिर्फ हल्के लक्षण थे, रिकवर हुए ऐसे मरीज़ों के भविष्य में दोबारा इन्फेक्शन से बचे रहने की संभावनाएं कम दिखीं। इससे हर्ड इम्युनिटी और वैक्सीन के लंबे समय तक कारगर साबित होने पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
5. भारतीय कंपनी ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन के 40 हजार डोज बना रही है।

- वैक्सीन को लाने से पहले इसके 30 करोड़ डोज तैयार कर लिए जाएंगे-सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अडार पूनावाला
- मुम्बई और पुणे में 4 से 5 हजार लोगों पर होगा वैक्सीन का ट्रायल
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भारत में भी होगा। देश में यह ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अगस्त के अंत तक 5 हजार वॉलंटियर्स पर करेगा।
कंपनी के सीईओ अडार पूनावाला का कहना है कि अगर ट्रायल सफल होता है तो 2021 की पहली तिमाही तक वैक्सीन के 30 से 40 करोड़ डोज तैयार किए जा सकेंगे। वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है। वैक्सीन के एक डोज की कीमत 1 हजार रुपए या इससे कम हो सकती है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन को तैयार कर रही है। इस वैक्सीन की सप्लाई भारत समेत 60 दूसरे देशों में होगी। कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली वैक्सीन 50 फीसदी भारत के लिए होगी।
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