Corona Brief News: कोरोना टेस्ट का नतीजा अब सिर्फ 12 मिनट में, असरदार है N-95 मास्क

कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट के लिए अब आपको घंटों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट अब सिर्फ 12 मिनट में आपके हाथों में होगा, और आप जान सकेंगे कि क्या आपको कोरोना संक्रमण है या नहीं? इस तकनीक के आगे रैपिड एंटीजन टेस्ट भी फेल साबित हो रहा है।
दूसरी ओर, N-95 मास्क कोरोनावायरस को रोकने में कितना असरदार है, इस पर भारतीय वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार के दावे के उलट रिसर्च पेश की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने कहा कि एन-95 मास्क (N-95 Mask) कोरोनावायरस को रोकने में बहुत ज्यादा असरकारी है।
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1. क्या आपको कोरोना है? जानें सिर्फ 12 मिनट में

- 12-minute Covid test kit: स्कॉटलैंड (Scotland) स्वास्थ्य सेवा ने बताया है कि लुमिराडीएक्स नाम की एक कंपनी ने महज 12 मिनट में कोरोना टेस्ट का नतीजा देने वाली एक किट तैयार कर ली है। टेस्ट करने के मामले में ये अब तक की सबसे तेज टेस्टिंग किट साबित होगी।
- बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अमेरिका में सभी का मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, स्कॉटलैंड स्वास्थ्य सेवा ने ऐलान किया है की ये टेस्ट किट सुरक्षित और भरोसेमंद है और इसके लिए सरकार 300 रैपिड टेस्टिंग मशीनों और पांच लाख टेस्ट पर 67 लाख पाउंड खर्च करेगी।
- स्वास्थ्य उपकरण बनाने वाली कंपनी लुमिराडीएक्स इस करार के तरह स्टरलिंग में मौजूद अपने कारखाने में ख़ास टेस्टिंग स्ट्रिप बनाएगी। इस कोरोना टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकेगा और छोटे क्लिनिक और मोबाइल अस्पतालों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। (घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए क्लिक करें)
2. कोरोना वायरस को रोकने में कामयाब है N-95 मास्क

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो (ISRO) ने N-95 मास्क की कारगरता को लेकर एक अध्ययन किया है जिसमें सामने आया है कि एन-95 मास्क खांसी की शुरुआती रफ्तार को 10 गुना तक कम कर सकता है और इससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बहुत हद तक घट जाता है।
रिसर्च में दावा किया कि भले ही एक मास्क सभी कणों को फिल्टर न करे, लेकिन यह कणों को दूर जाने से रोक सकता है। बतादें, अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि ने हिदायत दी है कि जब आपके पास एक अच्छा मास्क उपलब्ध न हो तो बेहतर होगा, कोरोना के संक्रमण को घटाने के लिए कोई भी मास्क पहनें।
ग़ौरतलब है कि यह रिसर्च केंद्र सरकार की नई एडवाइजरी के बाद आई है, जिसने सभी को चौंका दिया था। हाल ही में सरकार ने कहा था कि एन-95 मास्क सुरक्षित नहीं है। यह वायरस को रोकने में सफल नहीं है। इसकी वजह इसमें लगे फिल्टर को बताया गया था।
3.ऑक्सफ़ोर्ड की COVID-19 वैक्सीन का परीक्षण शुरू Oxford Coronavirus Vaccine

Oxford Coronavirus Vaccine : कोरोना वायरस के खिलाफ ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन के टीके का दूसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण बुधवार (26 अगस्त) को शुरु कर दिया गया है। और इस कोविड टीके की एक खुराक पुणे के एक शख्स को दी गई है।
इस टीके का विनिर्माण यहां स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा किया जा रहा है। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो स्वयंसेवियों को भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में टीके की खुराक दी गई।
भारती विद्यापीठ के मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के मेडिकल निदेशक डॉ संजय ललवानी के अनुसार, अगले सात दिनों में कुल 25 स्वयंसेवियों को टीके की खुराक दी जाएगी। एसआईआई ने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित संभावित टीके के निर्माण के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
4.PGI में कोवैक्सीन ट्रॉयल का पहला फेज सफल

कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की जा रही कोवैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का प्रथम चरण लगभग पूरा हो गया है। ताज़ा न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के 12 मेडिकल संस्थानों में 375 वॉलिंटियर्स पर कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है, जिसमें 20 फ़ीसदी से ज्यादा अकेले रोहतक पीजीआई (PGI ) में रजिस्टर्ड है।
यहां पर सभी वैलेंटी और स्कोर कोवैक्सिन की दूसरी डोज भी दी जा चुकी है, अब सभी वॉलिंटियर्स के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं।गौरतलब है कि, प्रथम चरण (First Phase) के तीन प्रमुख उद्देश्य थे। वैक्सीन (Vaccine) कितनी सुरक्षित है। डोज कितनी असरदार है और 14 दिन और 28 दिन में कितने एंटीबॉडीज बनते हैं।
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