Latest health update: कोरोना के आयुर्वेदिक उपचार पर ‘साइंटिफिक स्टडी शुरू
कोरोना (Corona) संक्रमित मरीज़ों का आयुर्वेदिक उपचार पर पर देश की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के तीखे सवालों से घिरे देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि आयुर्वेद से कोरोना का इलाज पर साइंटिफिक स्टडी शुरू हो चुकी है।
1. आयुर्वेद से कोरोना के उपचार पर स्टडी शुरू
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एविडेंस के आधार पर आयुष उपचार को कोरोना महामारी के दौरान स्वस्थ्य संवर्धन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बढ़ावा दिया है। इसमें गुडूची, अश्वगंधा, गुडूची+पिपली और आयुष 64 जैसी दवाएं हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन से साप्ताहिक संडे संवाद कार्यक्रम के दौरान सवाल किया गया कि ‘जब कोरोना के उपचार में आयुर्वेदिक इम्युनिटी बूस्टर का प्रभाव पूरी तरह से स्थापित नहीं हो सका है तो फिर क्यों विज्ञापन के माध्यम से तरह तरह के दावे हो रहे हैं?
जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ‘कोरोना के रोगनिरोधी उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की सलाह दी जा रही है। ऐसा लिटरेचर के गहन अध्ययन के बाद किया गया है। इसमें साइंटिफिक स्टडी जिसमें साइंटिफिक स्टडी जैसे इन-सिलिको स्टडी,एक्सपेरिमेंटल स्टडी और क्लीनिकल स्टड भी शामिल हैं।
2. आंखों में भी हो सकता है कोरोना संक्रमण
कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर नए-नए चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। अब चीन में ऐसा मामला सामने आया है जहां कोरोना वायरस से रिकवर होने के 2 महीने बाद एक महिला को 2 बार आंखों की सर्जरी करवानी पड़ी।
यहां 64 साल की बुजुर्ग महिला की आंखों में कोरोना वायरस मिला है। यह जानकर और ज्यादा आश्चर्य होगा कि कोविड से ठीक होने के दो महीने बाद उसकी आंखों में वायरस मिला।
खबरों के मुताबिक, 64 वर्षीय बुजुर्ग महिला इसी साल जनवरी में संक्रमित हुई थी। उसमें पांच दिन तक सूखी खांसी और नौ दिन तक डायरिया के लक्षण दिखे थे। इसके बाद 31 जनवरी को महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे बुखार भी आ रहे थे। छाती का सीटी स्कैन करने पर उसके फेफड़ों में संक्रमण का असर दिखा, जिसके बाद उसकी नाक से स्वाब सैंपल लिया गया। जांच के बाद कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन, उस दौरान कोई सीरियस प्रॉब्लम नहीं नजर आई और न ही आंखों में कोई दिक्कत थी।
28 फरवरी तक आंखों में लगातार दर्द बढ़ता रहा और दिखना कम होने लगा। जब दर्द सहने की क्षमता से पार हो गया तो महिला हॉस्पिटल पहुंची।
8 मार्च को अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टर्स ने पाया कि महिला ग्लूकोमा अटैक से जूझ रही थी। आंखों में दबाव के कारण दर्द हो रहा है। पहले दवाओं की मदद से दर्द कंट्रोल करने की कोशिश की गई। अधिक फायदा न दिखने पर सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान आंखों से लिए गए टिश्यू सैम्पल की जांच की गई तो उसमें कोरोनावायरस का प्रोटीन मिला। यह रिपोर्ट जामा ऑप्थेल्मोलॉजी जर्नल में प्रकाशित की गई है।
3. क्लिनिकल प्रयोग डेटा पर निर्भर कोविड-19 टीके का प्रयोग
कोविड-19 टीके के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत में कोविड-19 टीके के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं किया है।
उन्होंने कहा ‘सार्स कोव-2′ का पता लगाने के लिए ‘फेलूदा पेपर स्ट्रिप’ जांच अगले कुछ हफ्ते में शुरू की जा सकती है। हर्षवर्धन ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 टीका परीक्षण के पहले, दूसरे और तीसरे…विभिन्न चरणों में है जिसके परिणाम की प्रतीक्षा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की खातिर टीके के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति देने के लिए पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों की जरूरत होगी। आंकड़ों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई निर्भर करेगी।”
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