Latest health update: रूसी कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण के लिये डॉक्टर रेड्डीज ने मांगी मंजूरी
कोरोना की रूसी वैक्सीन के तीसरे चण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज ने अनुमति मांगी है। जानकारी के मुताबिक, रूसी कोरोना वैक्सीन के परीक्षण के लिए डॉक्टर रेड्डीज ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) में आवेदन किया है।
डीसीजीआई मंजूरी देने से पहले आवदेन का तकनीकी मूल्यांकन करेगा।’ भारत की दिग्गज फार्मा कंपनी ने टीके के क्लीनिकल परीक्षण और इसके वितरण के लिये रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ करार किया है। कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद आरडीआईएफ डॉक्टर रेड्डीज को टीके की 10 करोड़ खुराक भेजेगा।
2. कोरोनाकाल में 3 तरह के मरीज़ों की बढ़ी संख्या
कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस महामारी के बाद सामने आने वाले में में 3 तरह के कोरोना मरीज हैं। इनमें
1. मरीज घर पर आइसोलेशन में हैं, अचानक ऑक्सीजन का लेवल गिरने से मौत हो जाती है।
2. ऐसे मरीज जिनको लक्षणों के आधार पर वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ती है।
3. मरीज पॉजिटिव आया लेकिन लक्षण नहीं दिखे और वो ठीक भी हो गया ।
कोरोना वायरस के साथ जिंदगी को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। कई लोग टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं, ऐसा करके आप अपनी जान का जोखिम बढ़ा रहे हैं। ऑक्सीमीटर का प्रयोग तब करें जब कोरोना के लक्षण दिखें या पॉजिटिव आएं।
कोरोना के अब 6 नहीं बल्कि हैं इतने लक्षण
- बुखार
- सूंघने की क्षमता कम होना
- कफ
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- नाक से पानी बहना, गला खराब होना या दस्त होना
- स्वाद का पता नहीं चलना
- बलगम के साथ खांसी
- सांस लेने में दिक्कत
कोरोनाकाल में एक्सपर्ट की सलाह
- घर में आइसोलेट तभी हों जब एक अलग कमरा और बाथरूम हो
- पल्समीटर की रीडिंग गिरकर 92% तक आ जाए तो अलर्ट हो जाएं
- कोरोना का लक्षण दिखे तो जांच कराएं, अब डॉक्टर के प्रिस्क्रिपशन की जरूरत नहीं
- हाथ धोना और मास्क लगाना न छोड़ें क्योंकि देश में मामले बढ़ रहे हैं।
3. Cat Que Virus: वायरस ‘कैट क्यू’ का खतरा, जानें पूरी अपडेट
भारतीय वैज्ञानिकों ने चीन के एक और वायरस से फैलने वाले खतरे के प्रति आगाह किया है। कोरोना महामारी से जंग के बीच चीन के इस वायरस से देश में बीमारी होने की संभावना है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने एक और चीनी वायरस की खोज की है, जिससे देश में बीमारी फैल सकती है। इसका नाम कैट क्यू वायरस (CQV) है।
आईसीएमआर (ICMR) के वैज्ञानिकों ने कैट क्यू वायरस(CQV) नामक जिस वायरस की खोज की है, वह देश में बीमारी फैलाने की क्षमता रखता है। ये वायरस आर्थ्रोपोड-जनित वायरस की श्रेणी में आते हैं। ये क्यूलेक्स नामक मच्छरों के अलावा सूअर में भी पाए जाते हैं।
भारत में दो लोगों के सिरम सैंपलों में एंटी-सीक्यूवी आईजीजी एंटीबॉडी (IGG Antibodies) मिली है। आईसीएमआर की मेडिकल पत्रिका आईजेएमआर के अनुसार, ये दोनों सैंपल कर्नाटक में साल 2014 और साल 2017 में लिए गए थे।
आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि इस वायरस का संक्रमण फैला तो सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है।
मच्छरों में सीक्यूवी(CQV)
दोनों व्यक्ति के सिरम सैंपल में एंटी सीसीक्यू आईजीजी एंटीबॉडी मिलने पर मच्छरों में सीक्यूवी(CQV) के रेप्लिकेशन यानी संख्या बढ़ाने की क्षमता की जांच की गई थी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इससे संकेत मिलता है कि भारत में सीक्यूवी जनित बीमारी फैलने की संभावना है। ऐसे में रक्षात्मक कदम उठाया जाना जरूरी है।
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