Health News : कोरोना वायरस पर इस हफ्ते की 4 बड़ी खबरें, कैसे काला पीलिया की दवा कोरोना में है कारगर
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच अच्छी खबर सामने आई है, जहां काला पीलिया की दवाई से कोविड़ -19 के मरीज़ों का इलाज किया जाएगा। इसके लिए रोहतक पीजीआई में काला पीलिया की दवाई का ट्रॉयल करने की मंजूरी भी मिल गई है और इसके लिए 86 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है।
1.अब काला पीलिया की दवाई से होगा कोरोना मरीज़ों का इलाज!
हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ ओपी कालरा के मुताबिक, विश्व के पांच देशों में काला पीलिया (Black Jaundice) की दवाई से कोरोना मरीजों (Corona Patients) को ठीक करने के लिए ट्रॉयल किया गया था, जिसके नतीजे सकारात्मक रहे हैं।
इसके बाद रोहतक पीजीआई (Rohtak PGI) की ओर से भी ये ट्रॉयल करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी से अनुमति मांगी गई थी। और अब काला पीलिया की दवाई के ट्रायल को मंजूरी मिल गई है।
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2.हेपेटाइटिस-C की दवा खाने वाले मरीज़ों पर कोरोना का असर नहीं !
रोहतक PGI ने दावा किया है कि हेपेटाइटिस-सी (Hepatitis-C ) की दवा खाने वाले मरीजों पर कोरोना (Corona Virus) का असर दिखाई नहीं पड़ रहा। कई देशों में इस दवा का ट्रायल चल रहा है और भारत में भी इस पर रिसर्च किया जा रहा है
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दरअसल, रोहतक पीजीआई में अभी तक 2000 ऐसे मरीज चिन्हित किए गए हैं, जोकि हेपेटाइटिस-सी यानि काला पीलिया की दवा ले रहे हैं। इनमें से किसी पर भी कोरोना का असर नजर नहीं आया है।
जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन, ब्राजील, ईरान और सऊदी अरब आदि देशों में हेपेटाइटिस-सी के प्रभावी होने के प्रमाण मिले हैं. इसकी दवा खाने वाले मरीज़ों पर कोरोना का असर दिखाई नहीं पड़ रहा।
3. बीसीजी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ कारगर
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि बीसीजी (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) वैक्सीन का कोरोनावायरस के खिलाफ सकारात्मक असर देखा गया है।
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यह वैक्सीन हमारे इम्यून सिस्टम को तेज करती है। बीसीजी टीबी की रोकथाम के लिए दी जाने वाली वैक्सीन है। इस अध्ययन को ‘सेल रिपोर्ट मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन लोगों ने पिछले पांच सालों में बीसीजी वैक्सीन ली थी उनमें कोरोना के लक्षण बहुत कम देखे गए।
4. कोरोना के कारण हुक्का और हुक्का जैसे यंत्रों के इस्तेमाल पर रोक
दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र सरकार ने हुक्का और हुक्का जैसे यंत्रों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सरकार के आदेश के मुताबिक, ‘तंबाकू वाला हुक्का या फिर हर्बल हुक्का, वाटर पाइप और अन्य हुक्का जैसे यंत्रों का सभी होटल,रेस्टोरेंट, खाने की दुकान, बार, पब और डिस्को समेत सभी सार्वजनिक स्थानों पर इस्तेमाल तुरंत प्रभाव से निषेध किया जाता है’। कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार ने यह फ़ैसला लिया है।
कोरोना सम्बन्धी रिस्क फैक्टर को लेकर डब्ल्यूएचओ की तरफ से जो सूचना जारी की गई है, उसके अनुसार ये स्थितियां खतरनाक हो सकतीं हैं। धूम्रपान करने वालों में कोरोना संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है।
क्योंकि सिगरेट के सेवन में उंगलियां, होठों के सम्पर्क में आती हैं और यह संक्रमण फैलाने का कारण हो सकता है। धूम्रपान करने वाले पहले से फेफड़ा सम्बन्धी रोग के शिकार हो सकते हैं, जो कोरोना संक्रमण की स्थिति में ज्यादा गम्भीर साबित हो सकता है।
धूम्रपान से जुड़े वाटर पाइप में सामान्यतः माउथ पीस या नली का इस्तेमाल होता है और इसे एक दूसरे के साथ शेयर किया जाता है, जो संक्रमण का कारण हो सकता है।
शरीर में ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ाने वाली स्थिति या ऑक्सीजन के इस्तेमाल की शारीरिक क्षमता घटाने वाली स्थिति मरीज को खतरे में डाल सकती है।
इन सब के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने महामारी एक्ट के तहत फैसला किया है कि दिल्ली में हर तरह हुक्का पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध होगा।
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