Corona Brief News: कोरोना से निपटने के भारत के प्रयासों का UN में समर्थन, प्लाज्मा थेरेपी नहीं कारगर
Corona update: कोरोनावायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का संयुक्त राष्ट्र भी समर्थन कर रहा है। कई संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ प्रकोप से निपटने में मदद के लिए सरकार के नेतृत्व वाले स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक प्रयासों का समर्थन कर रही हैं। वहीं आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) को कोरोना (Corona) के इलाज में असरकारी नहीं होना बताया है।
1.कोरोना को रोकने के भारत सरकार के प्रयासों को UN का समर्थन
कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में भारत ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर पहुँच गया है लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कोरोना मरीज़ों की रिकवरी रेट भी सबसे अच्छी है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र कोरोना से निपटने में भारत के प्रयासों का समर्थन कर रहा है।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव स्टीफन दुजारिक के प्रवक्ता ने मंगलवार यानि 8 सितंबर को दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत में संयुक्त राष्ट्र की टीम का नेतृत्व रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर रेनाटा डेसालियन द्वारा किया जाता है। यह सरकार के नेतृत्व वाले स्वास्थ्य और के सामाजिक-आर्थिक परिणामों का समर्थन कर रहा है।
- न्यूज रिपोर्टस के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने 5,300 स्वच्छता कर्मियों को सुरक्षित अपशिष्ट निपटान पर प्रशिक्षित किया है और लॉकडाउन के दौरान प्रजनन और किशोर सेवाओं पर संकट ग्रस्त और समर्थित दिशा निर्देशों में महिलाओं के लिए एक हेल्पलाइन निर्देशिका विकसित करने में भी मदद कर रहा है।
- दुजारिक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सहयोगियों ने लिंग-उत्तरदायी नौकरी की वसूली के लिए दिशा निर्देशों का समर्थन किया।
2. Covid-19 मरीज़ की मौत रोकने में कारगर नहीं प्लाज़्मा थेरेपी-ICMR
कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी असरकारी नहीं है। यह बात भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानि ICMR ने एक अध्ययन के जरिए साझा की है।
प्लाजमा थेरेपी पर ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की स्टडी के अनुसार प्लाजमा थेरेपी (Plasma Therapy) कोरोना मरीज़ की मौत रोकने में कारगर नहीं है और न ही अगर किसी कोरोना मरीज़ (Covid-19 Patient) की हालत गंभीर होती जा रही है तो उसकी हालत और बिगड़ने से रोकने में मदद करती है’ 14 राज्यों के 39 अस्पतालों में 464 मरीज़ों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया था।
अध्ययन में प्लाजमा थेरेपी का थोड़ा सा फायदा जरूर दिखाई दिया है कि सांस लेने की समस्या में कुछ कमी आई और थकान भी कम हुई है। प्लाजमा थेरेपी का बुखार और खांसी जैसे लक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
3. ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन का ट्रायल रुका, वैक्सीन से एक शख्स बीमार
Astrazeneca Vaccine Trial : कोवैक्सीन का तीसरा परीक्षण 30,000 लोगों पर किया गया था, लेकिन एक वॉलेंटियर को ये दिए जाने के बाद समस्या होने लगी है। इसलिए UK की फार्मा कंपनी ने COVID-19 वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल के लिए रोक दिया है।
यह साफ नहीं किया गया है कि वो मरीज़ कहां है, जिसमें वैक्सीनेशन के बाद कोई समस्या पैदा हुई है या फिर उसकी समस्या कितनी बड़ी है।
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रही ब्रिटेन की फार्मास्यूटिकल कंपनी AstraZeneca ने मंगलवार (8 सितंबर) को बताया कि उसने अपना क्लीनिकल ट्रायल रोक दिया है क्योंकि एक वालंटियर में एक अनपेक्षित बीमारी दिखी है।
AstraZeneca कंपनी यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफ़ोर्ड के साथ मिलकर कोविड के लिए वैक्सीन बना रही है और दुनिया भर में कोविड वैक्सीन बनाने की कोशिशों में लगी फार्मा कंपनियों में आगे चल रही है।
4. पहला फीवर क्लीनिक शुरु, जागरुकता के लिए रवाना हुई LED गाड़ियां
कोरोना को हराने के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में प्रदेश का पहला फीवर क्लीनिक की शुरुआत की गई है। इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए LED युक्त गाड़ियाँ रवाना की गई हैं। फीवर क्लीनिक में फीवर के शुरुआती लक्षणों की जांच की जाएगी।
- फीवर क्लीनिक में कोई भी व्यक्ति जिसे बुखार, सर्दी, जुकाम हो वह यहां जांच करा सकता है।
- क्लीनिक में जांच को लेकर लैब के साथ ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, पीपीई किट सहित अन्य इंतजाम किए गए हैं।
- जांच के बाद मरीज़ों को निशुल्क दवाइयों का भी वितरण किया जाएगा।
- क्लीनिक में आने वाले सभी व्यक्तियों का जांच करने विशेषज्ञ, चिकित्सक और लैब टेक्नीशियन पूरे समय उपलब्ध रहेंगे।
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