ज़्यादा चीनी और नमक खाने के नुकसान | Daily Health Tip | 07 July 2020 | AAYU App
“चीनी ज़्यादा खाने से मेटाबोलिज्म से संबंधित रोग जैसे कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, इंसुलिन प्रतिरोध और बीपी बढ़ना जैसी समस्या हो सकती है। “
” High sugar intake can lead to metabolism-related problems such as increased level of cholesterol, insulin resistance and high BP. “
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खाना खाने से हमे ज़रूरी पोषक तत्व और ऊर्जा मिलती है। लेकिन कई खाद्य पदार्थ सेहत को लाभ नहीं देते , बल्कि नुकसान पहुंचाते है। इनमें चीनी, नमक, मैदा जैसी चीजें शामिल करें, जिन्हें व्हाइट पॉइजन भी कहा जा सकता है। थोड़ी मात्रा में नमक का सेवन करने से नुकसान नहीं होता, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।
चीनी: चीनी को ‘फूडलेस फूड’ कहा जाता है। इसमें कैलोरी नहीं होती और विटामिन या मिनरल्स भी नहीं होते, जो हमारे लिए आवश्यक है। चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापे और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से आगे चलकर हार्ट अटैक, कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है।
सफ़ेद चीनी हानिकारक क्यों है?
सफेद चीनी को रिफाइंड शुगर भी कह सकते है। इसे रिफाइन करने के लिए सल्फर डाई ऑक्साइड, फास्फोरिक एसिड, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड और एक्टिवेटेड कार्बन का उपयोग किया जाता है। रिफाइनिंग के बाद इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, एंजाइम्स और दूसरे लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाते है, केवल सूक्रोज ही बचता है और सूक्रोज की अधिक मात्रा शरीर के लिए घातक होती है।
ज़्यादा चीनी खाने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं:
चीनी की ज़्यादा मात्रा होने के कारण मेटाबॉलिज्म से संबंधित रोग जैसे कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, इंसुलिन रेजिस्टेंस और उच्च रक्तचाप हो जाते है।
चीनी के अधिक सेवन से पेट पर फैट की परतें अधिक मात्रा में जमती है।
इसके कारण मोटापा, दांतों का सड़ना, डायबिटीज और इम्यून सिस्टम खराब होने जैसी समस्याएं हो सकती है।
इसका अधिक सेवन शरीर में कैल्शियम के मेटाबॉलिज्म का बैलेंस बिगाड़ देता है। चीनी बालों, हड्डियों, रक्त और दांतों से कैल्शियम को सोख लेती है।
अधिक मात्रा में चीनी हमारे पाचन तंत्र के लिए भी सही नहीं है।
शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाती है और तंत्रिका तंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
रिफाइंड शुगर के कारण मस्तिष्क में रासायनिक क्रियाएं होती है, जिससे सेरेटोनिन रसायन का स्राव हो सकता है, जो हमें अच्छा अनुभव करवाता है, लेकिन थोड़ी देर बाद ही हम थका हुआ, चिड़चिड़ा और अवसादग्रस्त अनुभव करते है।
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चीनी को कम मात्रा में लेने के लिए लेने वाले विकल्प:
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को प्राकृतिक रूप से मीठी चीजों जैसे फलों आदि का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ लोगों को भी चीनी की जगह गुड़, शहद, खजूर, फलों, फलों का जूस आदि का सेवन करना चाहिए। शहद चीनी का सबसे बेहतर प्राकृतिक विकल्प है। इसमें केवल फ्रुक्टोज या ग्लुकोज नहीं होता है, बल्कि कई मिनरल्स और विटामिन्स भी होते है।
नमक: सामान्य मात्रा में नमक का सेवन हमारे शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है, लेकिन अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है। अधिक नमक खाने से हाइपर टेंशन और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है। लगातार हाइपर टेंशन के बने रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और गुर्दे की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। ज्यादा नमक खाने से रक्त में आयरन की मात्रा कम हो जाती है और इससे पेट में एसिडिटी बढ़ जाती है, जिससे भूख नहीं लगने पर भी भूख लगने का एहसास होता है। इससे हम अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करते है जिससे मोटापा बढ़ता है।
ज़्यादा नमक खाने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं:
मैदे को ‘ग्लू ऑफ गट्स’ कहते है। इसमें फाइबर बिल्कुल नहीं होते है, जिससे पाचन तंत्र जाम हो जाता है। पाचन धीमा होने के कारण, मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। इस कारण वजन बढ़ता है, तनाव, सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, गेहूं से मैदा बनाने की प्रोसेसिंग के दौरान चोकर को अलग कर लिया जाता है, जो पाचन के लिए बहुत जरूरी होता है। मैदे का सेवन करने से बुरे कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) का स्तर भी बढ़ जाता है, जिस कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे डायबिटीज, उच्च रक्त चाप आदि हो जाती है।
नमक को कम मात्रा में लेने के लिए लेने वाले विकल्प: मैदे को कम मात्रा में कभी-कभी खा सकते है। इसके अधिक सेवन से बचें और स्वस्थ विकल्प चुनें। समोसे मैदे के बजाय आटे से बनाएं। नान बनाने के लिए एक भाग गेहूं का आटा लें और एक भाग ज्वार और बाजरा का आटा मिलाएं। आटे से बनी ब्रेड, नूडल्स, पास्ता और मैक्रोनी का सेवन करें। आटे से आप ऐसी अनेक खाने की चीजें बना सकते है, जिन्हें कुछ दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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