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Weekly health updates: Cat Que Virus: वायरस ‘कैट क्यू’ का खतरा, जानें पूरी अपडेट

Weekly health updates: Cat Que Virus: वायरस ‘कैट क्यू’ का खतरा, जानें पूरी अपडेट

कैट क्यू वायरस (CQV): कोरोना महामारी से जंग के बीच भारतीय वैज्ञानिकों ने चीन के एक और वायरस (Cat Que Virus) से फैलने वाले खतरे के प्रति आगाह किया है। चीन के इस वायरस से देश में बीमारी होने की संभावना है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने इस चीनी वायरस का नाम कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus) (CQV) बताया है। 

आईसीएमआर (ICMR) के वैज्ञानिकों ने कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus)(CQV) नामक जिस वायरस की खोज की है, वह देश में बीमारी फैलाने की क्षमता रखता है। ये वायरस आर्थ्रोपोड-जनित वायरस की श्रेणी में आते हैं। ये क्यूलेक्स नामक मच्छरों के अलावा सूअर में भी पाए जाते हैं। 

भारत में दो लोगों के सिरम सैंपलों में एंटी-सीक्यूवी आईजीजी एंटीबॉडी (IGG Antibodies) मिली है। आईसीएमआर की मेडिकल पत्रिका आईजेएमआर के अनुसार, ये दोनों सैंपल कर्नाटक में साल 2014 और साल 2017 में लिए गए थे। 

कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus)
कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus)

आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि इस वायरस (Cat Que Virus) का संक्रमण फैला तो सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है। 

मच्छरों में सीक्यूवी(CQV)

दोनों व्यक्ति के सिरम सैंपल में एंटी सीसीक्यू आईजीजी एंटीबॉडी मिलने पर मच्छरों में सीक्यूवी(CQV) के रेप्लिकेशन यानी संख्या बढ़ाने की क्षमता की जांच की गई थी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इससे संकेत मिलता है कि भारत में सीक्यूवी जनित बीमारी फैलने की संभावना है। ऐसे में रक्षात्मक कदम उठाया जाना जरूरी है। और पढ़ें- कोरोना के अब 6 नहीं बल्कि हैं इतने लक्षण

2. दिमाग को खाने वाला वायरस है अमीबा

ताजे पानी में पाया जाने वाला यह सूक्ष्म जीव नाक के जरिए इंसानों के दिमाग तक पहुंच सकता है और संक्रमण फैला सकता है। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, इस अमीबा (Amoeba) का संक्रमण दुर्लभ है। जल स्रोतों का रख-रखाव ठीक से नहीं करने पर इस प्रजाति के अमीबा (Amoeba) की मौजूदगी हो सकती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। Read more-

3. देश में बढ़ता कांगो बुखार का कहर, जानें इसके लक्षण

कोरोना महामारी संकट के बीच वायरल फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियाँ लोगों को हो रही है, आजकल कांगो बुखार भी बहुत आम हो गया है। कांगो बुखार यानि क्राइमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) से बचाव को लेकर कुछ एहतियात बरतें, क्योंकि इसका कोई विशेष इलाज नहीं है।

पढ़ें- कांगो बुखार का कैसे करें उपचार

4.  नवंबर में आएगी कोरोना वैक्सीन

कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) बनाने वाली अमेरिकी बायोटेक फर्म Moderna ने कहा कि वैक्सीन 25 नवंबर से पहले नहीं आएगी। कंपनी के सीईओ ने कहा कि कंपनी 25 नवंबर से पहले अपनी कोरोनावायरस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अप्लाई नहीं करेगी। 

सीईओ स्टेफान बैंसेल ने कहा कि ‘EUA (Emergency Use Authorization) के तहत पेश करने के लिए 25 नवंबर तक हमारे पास जरूरत के हिसाब से सेफ्टी डेटा उपलब्ध होगा, जो हम FDA (Food and Drug Administration) के पास भेजें। अगर सेफ्टी डेटा अच्छा होगा तो वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होगी।’

बतादें, मोडर्ना की वैक्सीन अपने फाइनल स्टेज में है. ऐसी ही 11 और वैक्सीन्स हैं जिनका आखिरी ट्रायल चल रहा है। बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी Pfizer भी एक वैक्सीन डेवलप कर रही है। 

और पढ़ें- बीमारियों से बचना है तो  डाइट में शामिल करें फल-सब्जियां 

5. कोरोना एंटीबॉडी की सफलता के बाद अब इंसानों को देने की तैयारी-

Corona Antibody कोरोना
Corona Antibody कोरोना एंटीबॉडी

कोरोना (Corona) से बचाने का ‘सुरक्षा कवच’ यानि कोरोना की असरदार एंटीबॉडी का चूहों पर सफल परीक्षण करने के बाद , अब इसका इंसानों पर ट्रायल करने की तैयारी की जा रही है।

रिसर्च करने वाले जर्मन सेंटर फॉर न्यूरोडिजेनेरेटिव डिसीज के वैज्ञानिकों ने कोरोना से उबर चुके लोगों के खून से 600 तरह की एंटीबॉडीज अलग कीं। लैब में टेस्ट के बाद पता चला कि इनमें से कुछ एक्टिव एंटीबॉडीज कोरोना से लड़ने में असरदार साबित हो सकती हैं। पढ़ें- एंटीबॉडी का चूहों पर सकारात्मक असर हुआ है।

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