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जानें माँ और बच्चे के लिए स्तनपान के फायदे | Breastfeeding

जानें माँ और बच्चे के लिए स्तनपान के फायदे | Breastfeeding

किसी भी नवजात के लिए मां का दूध कितना फायदेमंद होता है. इसके बारे में आप अक्सर सुनते होंगे, लेकिन क्या आप को मालूम हैं कि जब कोई मां अपने शिशु को स्तनपान कराती (Breast Feeding) कराती है तो उस मां की स्वास्थ्य के लिए भी स्तनपान काफी लाभदायक होता है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं रोगमुक्त तो रहती ही है, साथी उनके शिशु की भी सेहत अच्छी रहती है। स्तनपान के फायदे, प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है। जहां शिशु को पहले आहार के रूप में सर्वश्रेष्ठ भोजन प्राप्त होता है, वही मां और बच्चे में भावनात्मक रिश्ता भी बनता है।

इससे दोनों को ही अमूल्य संतुष्टि हासिल होती है. WHO के अनुसार शिशु को छः महीने तक सिर्फ स्तनपान देना चाहिए. इसके बाद दो साल की उम्र तक अन्य आहार के साथ स्तनपान कराना चाहिए

 मां को स्तनपान कराने  के फायदे | Breast Feeding Benefits 

1.स्तनपान का पहला फायदा है मां का पहला पीला दूध 

मां के दूध में , जिंक,कैल्शियम और विटामिंस भरपुर मात्रा में होता है. ये लैक्सेटिव के तौर पर काम करता है, जिससे बच्चे का पहला मल होता है. और अगर बच्चे की यह क्रिया सही ढ़ंग से नहीं होता है तो बच्चे को पीलिया होने का खतरा बन जाता है. मां का पहला दूध बच्चे को कई रोगों से बचाता है.

2. स्तनपान करवाने से मिलता है अनचाहे गर्भ से छुटकारा

जो महिला अपने शिशु को स्तनपान कराती है तो उस महिला में प्रेगनेंसी होने की संभावना कम हो जाती है.ये उनके पीरियड्स के बीच के अंतर को बढ़ा देता है. जिससे बच्चों के बीच का अंतर बना रहता है.

3.स्तनपान घाव को जल्दी से भरता है 

जब कोई महिला बच्चे का जन्म दे रही होती है तो इस दौरान उस महिला के शरीर में काफी दर्द होता है और घाव भी हो जाता है. स्तनपान कराने से ये घाव जल्दी भरते है और समान्य स्थिति में आने में  भी मदद करता है.

4. स्तनपान से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है कम

स्तनपान से लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) स्तन के अन्य घटकों के साथ काफी एक्टिव हो जाते हैं. जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है.स्वास्थ्य विषेशज्ञों  का भी कहना है कि, स्तनपान कराने वाली मां के मुकाबले जो महिला स्तनपान नहीं करती है उनको ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
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5. स्तनपान से हार्मोन संतुलित रहते हैं

स्तनपान कराने वाली महिलाओं का हार्मोन हमेशा संतुलित रहता है. साथ ही त्वचा रोग का भी खतर कम हो जाता है. हार्मोन के संतुलित रहने से स्तनपान करा रही मां के शरीर में काफी उर्जा होता है. स्तनपान कराने से कैलोरी कम होती होती है और ऐसे में स्वाभाविक है कि वजन बढ़ने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है. जो मां स्तनपान कराती हैं वे अपने वजन को कंट्रोल कर सकती हैं.

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शिशु को स्तनपान के फायदे 

1. स्तनपान, शिशु को कई बीमारियों से बचाता है

जन्म के कुछ वर्षों तक बच्चे का शरीर बहुत संवेदनशील होता है जिसके कारण जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आ जाता है. बच्चे को स्तनपान कराने से उसे निमोनिया और जुकाम नहीं होता है. मां के दूध में वह सभी पोषक तत्व होते हैं जो शिशु के लिए जरूरी होते हैं. इसलिए स्तनपान कराने से बच्चा के शरीर बचपन से ही स्वस्थ बनना शुरू हो जाता है.

2. स्तनपान से शिशु के वजन में होती है बढोत्तरी

ब्रेस्‍टफीडिंग समय से पहले जन्में शिशुओं की सेहत में सुधार करता है. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों का वजन काफी कम होता है. ब्रेस्‍टफीडिंग के जरिए शिशुओं के वजन में बढोत्तरी की जा सकती है.

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3. स्तनपान से शिशु के शरीर का तापमान होता है सामान्य

शिशु के जन्म के पहले कुछ हफ्तों में, अधिकांश शिशुओं को अपने शरीर के तापमान को सामान्य बनाने में कठिनाई होती है. स्तनपान आपके शिशु की उसके शरीर का तापमान सामान्य रखने में मदद करता है. उसे गर्म रखने के अलावा,त्वचा का त्वचा से स्पर्श आपके और आपके शिशु के बीच मजबूत भावनात्मक बंधन को भी बढ़ाता है.

4. स्तनपान से बच्चे का होता है मानसिक विकास 

एक स्टडी में पाया गया है कि मां जब शिशु को सीने से लगाकर स्तनपान कराती है तो इसका बच्चे पर प्राकृतिक रूप से बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. स्तनपान कराने से बच्चे का मानसिक विकास उन बच्चों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर होता है जो बचपन में स्तनपान नहीं किये होते हैं.बचपन में अच्छी तरह स्तनपान कराने से बच्चे के सीखने, समझने और हर क्षेत्र में प्रदर्शन की क्षमता बेहतर होती है.

5. स्तनपान से शिशु की मांसपेशियों का होता है विकास

जब बच्चा मां के स्तन से दूध पीता है तो उसके चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है, जिसके कारण चेहरे की मांसपेशियों(facial muscle) का विकास होता है. इसलिए इस मायने में स्तनपान बहुत फायदेमंद होता है. जबकि बॉटल से दूध पीने पर बच्चे के मुंह में बैक्टीरिया चला जाता है और बच्चे के लिए प्लास्टिक की बॉटल से दूध पीना नुकसानदायक भी होता है.

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