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ब्लैक, वाइट और येलो फंगस के लक्षण, फंगस इंफेक्शन के कारण और इलाज

ब्लैक, वाइट और येलो फंगस के लक्षण, फंगस इंफेक्शन के कारण और इलाज

Black fungus vs white fungus vs yellow fungus: कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो रहे मरीजों में अब फंगस इंफेक्शन का खतरा बढ़ता जा रहा है। ब्लैक फंगस के साथ-साथ व्हाइट और अब येलो फंगस ने दस्तक दे दी है। बिहार के पटना के बाद हरियाणा के हिसार में भी वाइट फंगस के मामले सामने आए हैं। ब्लैक और वाइट के बाद गाजियाबाद में यलो फंगस का मामला आने की भी बात कही जा रही है। 

जानिए आखिर कोरोना मरीजों में क्यों हो रहा है फंगस इन्फेक्शन, फंगस इंफेक्शन कितने प्रकार का होता है और ब्लैक फंगस,वाइट फंगस  और येलो फंगस में क्या अंतर है?

1. कोरोना मरीजों में क्यों हो रहा है फंगस इन्फेक्शन?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में ऑक्सीजन की कमी के चलते कोरोना मरीजों को इंडस्ट्रीज को दी जाने वाली ऑक्सीजन दी गई इसकी वजह से भी फंगस इन्फेक्शन बढ़ा। 

कोरोना के मरीजों को स्टेरॉयड दिए जाते हैं। इससे मरीज की इम्युनिटी कम हो जाती है। इससे भी उनमें फंगल इंफेक्शन फैलने की आशंका ज्यादा हो जाती है। कोरोना मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर किसी हाई डायबिटिक मरीज को कोरोना हो जाता है तो उसका इम्यून सिस्टम और ज्यादा कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों में फंगल इन्फेक्शन फैलने की आशंका और ज्यादा हो जाती है।

अमेरिकी एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का कहना है कि कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से मोटे तौर पर- एस्परजिलोसिस, सी नियो फॉर्म्स इन्फेक्शन, न्यूमोसिस्टिस निमोनिया, टेलर माइकोसिस, म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) और कैंडिडिआसिस (वाइट फंगस) होते हैं।

2. ब्लैक फंगस,वाइट फंगस और येलो फंगस में क्या अंतर है?

वाइट फंगस फंगस ब्लैक फंगस से ज्यादा संक्रामक है। यानी, वाइट फंगस ज्यादा तेजी से फैलता है। जबकि मोर्टेलिटी रेट के लिहाज से देखें तो ब्लैक फंगस बेहद जानलेवा है। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि येलो फंगस से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस तरह के फंगस पर्यावरण में पहले से ही मौजूद रहे हैं। इससे जान का खतरा भी नहीं होता है।

अमेरिकी एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट ये कहती है। CDC ने वाइट फंगस के एक प्रकार कैंडिडा औरिस को एक गंभीर खतरा कहा है। ये इन्फेक्शन अक्सर उन लोगों को होता है, जो अस्पताल में भर्ती रहे हैं।

3. वाइट फंगस के लक्षण

वाइट फंगस आम तौर पर स्किन और शरीर के अंदर जैसे- मुंह, गले, वजाइना में पाया जाता है। जब ये बहुत तेजी से फैलना शुरू हो जाते हैं या शरीर के इंटरनल ऑर्गन्स जैसे किडनी, हार्ट और ब्रेन में पहुंच जाते हैं तब घातक रूप ले लेते हैं। बुखार आना, ठंड लगना इसके सबसे आम लक्षण हैं।

4. ब्लैक फंगस के लक्षण

  1. चेहरे का एक तरफ सूजन आना
  2. सिरदर्द होना
  3. नाक बंद होना
  4. उल्टी आना
  5. बुखार आना
  6. चेस्ट पेन होना
  7. साइनस कंजेशन
  8. मुंह के ऊपरी हिस्से या नाक में काले घाव होना

5.फंगस इंफेक्शन कितने प्रकार के होते हैं?

अधिकांश: फंगस इन्फेक्शन पर्यावरण में मौजूद रहते हैं और ये कई प्रकार के होते हैं। जैसे- फंगल नेल इन्फेक्शन, वजाइनल कैंडिडिआसिस, दाद, मुंह और गले में होने वाल कैंडिडा इन्फेक्शन सबसे आम फंगल इन्फेक्शन है। इसी तरह ट्रेमेला मेसेन्टेरिक या येलो फंगस भी एक आम जेली फंगस है। जो कमजोर इम्यूनिटी की वजह से होते हैं। व्हाइट और ब्लैक फंगस भी इन्ही में से एक है।

6. फंगस इंफेक्शन से बचने के उपाय
  1. इम्यूनिटी को मजबूत रखना
  2. स्वस्थ आहार अपनाना
  3. शारीरिक क्रियाओं को लाइफ का हिस्सा बनाना
  4. प्रोटीन युक्त आहार लेना
  5. अधिक से अधिक पानी पीना
  6. डस्ट वाले एरिया से दूर रहें
  7. गार्डनिंग या खेती करते वक्त फुल स्लीव्स के ग्लव्स पहने
  8.  मास्क पहने, 
  9. उन जगहों पर जाने से बचें जहां पानी का लीकेज हो
  10. जहां ड्रेनेज का पानी इकट्ठा होता हो

डिस्क्लेमर

इस लेख में आपने फंगस इंफेक्शन के बारे में जाना। फंगस इंफेक्शन के प्रकार और ब्लैक फंगस, वाइट और येलो फंगस में अंतर के बारे में जाना। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर करें। घर बैठे किसी भी स्वास्थ्य समस्या का विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श पाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें

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