Black Fungus New guideline: कैसे करें ब्लैक फंगस की पहचान और बचाव, AIIMS ने बताए तरीके
Black Fungus New guideline: कोरोना महामारी से उबरने वाले लगभग 70 प्रतिशत लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। इसके चलते AIIMS दिल्ली के आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेल्मिक स्टडीज ने कोविड वार्ड में म्यूको माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का जल्द पता लगाने और उसकी रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है।
एम्स ने गाइडलाइन में कोविड मरीजों को देख रहे डॉक्टरों से गंभीर कोरोना मरीजों की पहचान कर उनकी ब्लैक फंगस की शुरुआती जांच करने को कहा गया है। गाइडलाइन में कोरोना मरीजों को खुद की जांच कराने के अलावा उनकी देखभाल करने वालों को भी ब्लैक फंगस के लक्षणों पर नजर रखने की सलाह दी गई है। आइए जानते हैं कैसे करें ब्लैक फंगस की पहचान, इसके लक्षण और बचाव के उपाय
1. ब्लैक फंगस से कोरोना के किन मरीजों को सबसे अधिक खतरा है?
- कैंसर पीड़ित
- गंभीर कोरोना के मरीज
- ऐसे मरीज जो ऑक्सीजन या वेंटिलेटर सपोर्ट पर हों।
- ऐसे मरीज जिनमें अनियंत्रित डायबिटीज या डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (जब डायबिटीज के चलते शरीर में भारी मात्रा में कीटोन्स नाम के ब्लड एसिड बनते हो।) ऐसे मरीज जिन्हें हाई डोज या लंबे समय स्टेरॉयड्स या Tocilizumab injection गए हो।
- जिन्हें Immunosuppressants यानी ऐसी दवा दी जा रही हो जो रोधप्रतिरोधकता को कम करती हो।
2. इन लक्षणों पर नजर रखें
- नाक से खून बहना
- असामान्य काला स्त्राव या पपड़ी निकलना
- नाक में ब्लॉकेज या बंद होना
- सिरदर्द या आँखों में दर्द
- आँखों के आस-पास सूजन (Double vision)
- आँखों में लालिमा, आँख बंद करने और खोलना में दिक्कत
- आंख का बड़ा होना
- चेहरे का सुन्न होना या झुनझुनी
- चबाने या मुंह खोलने में दिक्कत
3. कोरोना मरीज नियमित सेल्फ-एग्जामिनेशन करें
दिन के उजाले में पूरे चेहरे की गौर से जांच करें
देखें कहीं नाक, गाल आँखों के आस-पास त्वचा काली और सख्त तो नहीं हो रही
नाक, गाल आँखों के आस-पास त्वचा को छूने पर दर्द तो नहीं हो रहा
टॉर्च की रोशनी में मुंह या नाक के अंदर कालापन और सूजन को देखें
5. कोई भी लक्षण दिखें तो मरीज क्या करें और क्या नहीं
ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर तुरंत ENT डॉक्टर या आँखों के डॉक्टर से परामर्श लें।
बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक या एंटी फंगल दवा भी न लें।
6. ब्लैक फंगस से बचाव के एम्स ने सुझाए तरीके
ब्लैक फंगस की जांच को लेकर दिल्ली एम्स द्वारा जारी गाइडलाइन में गंभीर कोरोना मरीजों की ब्लैक फंगस की शुरुआती जांच करने को कहा गया है।
डॉक्टर्स कोविड वार्ड में रह रहे गंभीर कोरोना मरीज और उनकी देखभाल कर रहे लोगों की ब्लैक फंगस की बेसिक जांच करें।
बेसिक जांच के बाद मरीज के डिस्चार्ज होने तक हर हफ्ते ऐसी जांच की जाएगी।
डॉक्टरों को मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद भी हर दो हफ्ते में तीन बार फॉलो अप जांच करने का निर्देश दिया गया है।
डिस्क्लेमर
दोस्तों इस लेख में ब्लैक फंगस की पहचान कैसे करें और इससे बचाव के तरीकों के बारे में दिल्ली एम्स द्वारा जारी गाइडलाइन के बारे में बताया गया है। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर कर संक्रमण से बचने के लिए आगाह करें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या का घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें या कॉल करें 781-681-11-11 पर।
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