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Biceps Rupture: बाइसेप्स रप्चर क्या है?, जानें इसके कारण और लक्षण

Biceps Rupture: बाइसेप्स रप्चर क्या है?, जानें इसके कारण और लक्षण

बाइसेप्स रप्चर क्या है?: What is Biceps Rupture:

आपकी छोटी सी गलती की वजह से आपको बाइसेप्स रप्चर (Biceps Rupture) यानि कि टूटे हुए कंधे की समस्या होना। बाइसेप्स ऐसी तरह की मांसपेशी है जो आपके ऊपरी भुजा (Upper Arm) से शुरू होती है। यह आपके कंधे के हड्डियों और कोहनी के द्वारा कंधे से जुड़ी होती है। अगर आप जिम में भारी वेटलिफ्टिंग या ऐसा कोई मूवमेंट करते हैं जिसकी वजह से उस जगह अधिक दबाव पड़ता हैं, तो यह बाइसेप्स रप्चर (Biceps Rupture) की स्थिति का कारण बन सकता है।

बाइसेप्स रप्चर दो तरह के होते हैं।

  • पूरी तरह से टूटना: जब कंधे दो हिस्सों में टूट जाते हैं, तब उसकी वजह से हमे बहुत ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
  • हल्की चोट लगना: इस स्थिति में बाइसेप्स को हल्की चोट लगती है, लेकिन आपका टेंडन पूरी तरह से नहीं टूटता। इसे हम गुमी हुई चोट भी कह सकते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे बाइसेप्स रप्चर के कारण क्या-क्या है? (What are the Causes of Biceps Rupture)

बाइसेप्स रप्चर के कारण: Causes of Biceps Rupture:

  • लंबे समय तक कंधे में लगी चोट नजरअंदाज करना: बाइसेप्स टूटने का एक मुख्य कारण लम्बे समय तक कंधे में लगी हुई चोट को नजरअंदाज करना है।
  • कंधे पर अधिक दबाव डालना: अगर आप अपने कंधे पर निरंतर दबाव डालते हैं, तो बाइसेप्स की मांसपेशियाँ समय के साथ-साथ कमजोर हो जाती है। मांसपेशियों का ज्यादा उपयोग करने से टेंडिनाइटिस की स्थिति (मांसपेशियों को जोड़ने वाले टिश्यू के लिए हड्डी की सूजन) और रोटेटर कफ में चोट की समस्या हो सकती है, जो आगे चलकर टूटे हुए बाइसेप्स का कारण बन सकते है।
  • कंधे के बल गिरना: बाहों के बल गिरने पर भी आपके कंधे को चोट लग सकती है, जिसके कारण आपका कंधा टूट सकता है।
  • उम्र बढ़ना: बाइसेप्स रप्चर का एक कारण बढ़ती उम्र है। बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां और मांसपेशियाँ कमजोर होने लगती है। ऐसे में किसी भी तरह के शारीरिक कार्य के कारण बाइसेप्स रप्चर की समस्या हो सकती है इसीलिए ऐसे इंसान जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, उन्हें ज्यादा भारी वस्तु उठाने से बचना चाहिए।
  • स्टेरॉयड का प्रभाव होना: कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroid) जैसे स्टेरॉयड भी सीधेतौर पर मांसपेशियों और टेंडन की कमजोरियों के मुख्य कारण होते हैं।

बाइसेप्स रप्चर के लक्षण: Symptoms of Biceps Rupture:

जब आप टूटे हुए बाइसेप्स (Biceps) से पीड़ित रहते हैं, तो आपको निम्न लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि:

  • चोट लगने पर एक “पॉप” या सनसनी आवाज होना
  • चोट के आसपास गर्मी महसूस होना
  • सूजन आना
  • त्वचा नीली पड़ना
  • जहां चोट लगी है वहाँ दर्द होना
  • हाथ कमजोर होना
  • अपनी हथेली को मोड़ने में कठिनाई होना
  • जब आप दो बार गतिविधि करते है, तो आपके हाथ में थकान या दर्द बढ़ जाता है
  • आपके ऊपरी बांह में उभार होना
  • आप अपनी कोहनी के सामने एक गैप या इंडेंटेशन भी देख सकते हैं।

बाइसेप्स रप्चर का निदान: Diagnosis of Biceps Rupture:

एक टूटे या फटे हुए बाइसेप्स का निदान पाने के लिए, डॉक्टर सबसे पहले आपके मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इसके बाद आपके द्वारा महसूस किए जा रहे लक्षणों के बारे में आपसे सवाल-जवाब कर सकते हैं फिर आपके द्वारा बताए गए लक्षणों के तौर पर वह आपके हाथ और उसके सामान्य काम की जांच करेंगे साथ ही, वह आपके हाथ की गति और शक्ति का परीक्षण करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण भी कर सकते हैं। इन परीक्षणों के दौरान, वह देखेंगे कि क्या आपको मूवमेंट करने में दर्द या कठिनाई तो नहीं हो रही। विशेष रूप से जब आप हाथ को ऊपर-नीचे करते हैं या गोल घुमाते हैं।

आपके स्वास्थ्य इतिहास और शारीरिक परीक्षण बाइसेप्स रप्चर या टियर का निदान करने के लिए कारगर साबित हो सकते है। हालांकि, आपके डॉक्टर किसी भी हड्डी के चोटों को देखने के लिए एमआरआई या एक्स-रे करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। ताकि, आपके परिणामों के आधार पर वह आपके लिए उचित उपचार की सलाह दे सकें।

बाइसेप्स रप्चर का इलाज: Treatment of Biceps Rupture:

बाइसेप्स रप्चर का उपचार ज्यादातर इस बात पर निर्भर करता है कि टियर कितना गंभीर है। इसके साथ ही आपके डॉक्टर आपके बाइसेप्स के फंक्शन और आपके रोटेटर कफ की जांच करने के बाद इलाज के लिए संभावित उपचार विधियों का प्रयोग कर सकते हैं।

आराम करें

हमें इस परिस्थिति में व्यायाम करने, भारी वजन उठाने से बचना चाहिए। जितना संभव हो सके अपने हाथ को आराम दें ताकि वह पहले की तरह ठीक से काम कर सके। खासकर अगर आप चोट लगने के बाद भी एहतियात नहीं बरतते तो वह दर्द का कारण बन सकता है।

भौतिक चिकित्सा

शारीरिक उपचार यानि फिजिकल थेरेपी के मदद से आप अपने कंधे की मजबूती को वापस पा सकते हैं । आपके भौतिक चिकित्सक (physical therapist) आपकी चोट को ठीक करने और दर्द को दूर करने में मदद करने के लिए रोग से सम्बन्धित व्यायाम के कुछ स्टेप्स आपको बता सकते हैं। इन एक्सरसाइज की मदद से आप अपने हाथ के मूवमेंट को पहले की तरह बेहतर बना सकेंगे। (यह भी पढ़ें: व्यायाम के लाभ)

सर्जरी

यदि ऊपर दिए गए उपायों में से कोई भी उपाय आपके टूटे हुए बाजू की चोट को ठीक करने में मदद नहीं कर पाता, या यदि आधे से अधिक बाइसेप्स अभी भी क्षतिग्रस्त है तो, आपके डॉक्टर टूटे हुए बाजू को ठीक करने के लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

कई डॉक्टर बाइसेप्स टियर के लिए प्राथमिक रूप से उपचार के रूप में सर्जरी की सलाह देते हैं हालांकि सर्जरी बाद में भी की जा सकती है यदि अन्य उपचार के द्वारा आपके हाथ की गति और शक्ति वापस नही आ सकी है तो। हड्डी में रप्चर को फिर से जोड़ने के लिए सर्जरी का उपयोग कर सकते है लेकिन सर्जरी की जटिलताओं को भी अनदेखा नही किया जा सकता, जिसमें हाथ की सुन्नता या कमजोरी शामिल हो सकती है। कुछ लोगों में तो रप्चर की सर्जरी फिर से करनी पड़ती है।

डिस्क्लेमर: बाइसेप्स रप्चर (Biceps Rupture) को आम भाषा में टूटे हुए कंधो की समस्या होना भी कहते है। भी आम हो गया है। यहाँ आज हमने आपको बाइसेप्स (Biceps) रप्चर की कुछ सामान्य जानकारियाँ दे दी है। किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लें ।

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