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प्रोबायोटिक के फायदे और इससे युक्त खाद्य पदार्थ | Daily Health Tip | 18 April 2020 | AAYU App

प्रोबायोटिक के फायदे और इससे युक्त खाद्य पदार्थ  | Daily Health Tip | 18 April 2020 | AAYU App

दही को अपने खाने में ज़रूर शामिल करें। इसमें प्रोबायोटिक होते है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते है।

Include curd in your diet. It contains probiotic which increases the immunity of body.

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प्रोबायोटिक:

हमारे आंत में बैक्टीरिया होते है जो हमारे स्वास्थ्य के लिये बेहद फायदेमंद है। ये बैक्टीरिया भोजन को पचाने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने, पोषक तत्वों को सोखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते है। प्रोबायोटिक को अच्छा बैक्टीरिया माना जाता है। अगर गलत खाने या एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की वजह से शरीर में ज्यादा खराब बैक्टीरिया घुस जाते है तो संतुलन बिगड़ने से पूरा शरीर प्रभावित होता है। ऐसा कहा जाता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता आंतों में है। अगर आंत की हालत सही है तो हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में आसानी होती है।

प्रोबायोटिक के फायदे:

प्रोबायोटिक का इस्तेमाल मूत्र नली (Urine Pipe) और यौनांगों में हुए कुछ संक्रमणों के इलाज में किया जा सकता है। प्रोबायोटिक पर किये गये अध्ययनों से पता चला है कि यह कोलोरेक्टल कैंसर और स्तन कैंसर में भी लाभकारी है। बैक्टीरिया के संतुलन से एलर्जी का खतरा भी काफी कम हो जाता है। लैक्टोबैसिलस रैम्नोसस और बिफिडोबैक्टीरिया दोनों एलर्जी कम करने में मददगार है।

प्रोबायोटिक का स्रोत :

डेयरी उत्पाद जैसे दही और छाछ प्रोबायोटिक के अच्छे स्रोत है साथ ही ये खमीरयुक्त खाद्य पदार्थो में भी मिलते है। इडली, डोसा, ढोकला और उत्तपम भी प्रोबायोटिक के अच्छे स्रोत है। अलग-अलग सब्जियों से तैयार किया गया एक कोरियाई व्यंजन किमची, खमीर करके बनाया गया बंदगोभी का आचार, टोफू और सोया भी प्रोबायोटिक के अच्छे स्रोत है। ये खाद्य पदार्थ बच्चों की हड्डियां और दांत मजबूत करने व कैल्शियम को पचाने में मदद करते है। प्रोबायोटिक का सप्लीमेंट बाजार में मिलता है। इसके कैप्सूल आप दवा दुकान से खरीद सकते है।

प्रोबायोटिक से भरपूर पदार्थ:

दही: बाजार में बिकने वाला प्रोबायोटिक दही बहुत प्रचलित है। लेकिन यह घर में तैयार की गयी दही में भी प्रचुर मिलती है। दूध से दही बनने की प्रक्रिया में ‘लेक्टोबेसिलस जीवाणु’ की मुख्य भूमिका है। दही और छाछ में प्रचुर मात्रा में प्रोबायोटिक पाया जाता है। दही में प्रोबायोटिक्स तत्व मौजूद होते है जो पाचन ठीक रखते है।

पनीर और योगर्ट: पनीर, योगर्ट, चीज़ आदि कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। चीज़ के मुकाबले पनीर और योगर्ट में कैलोरी भी कम होती है इसलिए इसे खाने से आपके डाइट प्लान पर भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। पनीर से भी कई तरह की स्वादिष्ट चीज़ें बनाई जा सकती है।  पनीर में भी यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पनीर को फल और अखरोट के साथ मिलाएं, या जैतून का तेल, ककड़ी स्लाइस और नमक और काली मिर्च के साथ सेवन करने से प्रोबायोटिक्स संतुलित किया जा सकता है।

किमची: किमची में खमीर पेट को साफ रखने में मददगार साबित होते है। इसे कोरियन सलाद रेसिपी कहा जाता है। यह आम सलाद से थोड़ा अलग है । खमीर के कारण इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पनपते है जो कि हमारे पेट को साफ रखते है। पेट की छोटी-मोटी बीमारियों से दूर रहने के लिए किमची लाभदायक होता है। इसमें पत्तागोभी को लहसुन, अदरक, सोया सॉस, सिरका और चिली फ्लेक्स में भिगोकर रखा जाता है।

खट्टी गोभी: खट्टी गोभी एक प्रकार की गोभी होती है जिसे लैक्टिक एसिड के प्रयोग से उगाया जाता है। इसमें सामान्य गोभी की तुलना में अधिक पौष्टिकता होती है जो आपको निरोग रखने में मदद करती है।

मिसो सूप: मिसो सूप पाचन निवारक के रूप में माइक्रोबॉयोटिक खाना पकाने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है। गर्म पानी में एक चम्‍मच मिसो फर्मेन्टेड राई, बींस, चावल या जौ मिलाकर बनाया जाता है। यह लैक्टोबैसिलस और बिफिडस बैक्‍टीरिया से भरपूर एक अच्‍छा, और प्रोबायोटिक युक्‍त सूप है। इसके अलावा यह पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव को कम करने और शरीर को ऐल्‍कलाइन कर शरीर से कैंसरकारी प्रभाव को रोकने में मदद करता है। 

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