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Benefits of Calcium: कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय

Benefits of Calcium:  कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय

Benefits of Calcium: कैल्शियम शरीर को मजबूती प्रदान करता है। कैल्शियम कमजोर व पतली हड्डियों को मजबूत करने, दिल की कमजोरी, गुर्दे की पथरियों को नष्ट करने और महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित रोगों के उपचार में लाभकारी है। कैल्शियम के स्रोत भी है।

गर्भावस्था में कैल्शियम क्यों है ज़रूरी:

कैल्शियम गर्भ में पल रहे शिशु के विकसित हो रहे दांतों और हड्डियों को मजबूती देता है एवं मांसपेशियों, दिल और नसों के विकास को भी बढ़ावा देता है। अगर आप प्रेग्‍नेंसी में अपनी डाइट से पर्याप्‍त कैल्शियम नहीं लेती हैं तो शरीर में पहले से जमा कैल्शियम बच्‍चे को मिलने लगता है। प्रेग्‍नेंसी की तीसरी तिमाही में खासतौर पर मां और बच्‍चे को कैल्शियम च‍ाहिए होता है क्‍योंकि इस समय शिशु की हड्डियों का विकास चरम पर होता है।

वहीं अगर आप गर्भावस्‍था के दौरान पर्याप्‍त कैल्शियम नहीं लेती है तो आपमें कमजोर हड्डियों से संबंधित रोग यानि ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा काफी बढ़ जाता है। प्रेग्‍नेंसी और स्‍तनपान की वजह से कई महिलाओं की हड्डियों का घनत्‍व कम हो जाता है।

कम कैल्शियम लेने का असर:

प्रेग्‍नेंसी में जरूरत से कम या ज्‍यादा कैल्शियम लेने पर दिक्‍कतें आ सकती है। अगर आप कम मात्रा में कैल्श्यिम लेती हैं तो प्रेग्‍नेंसी में हाई ब्‍लड प्रेशर, प्रीमैच्‍योर डिलीवरी, शिशु का जन्‍म के समय वजन कम होना, उंगलियों में सुन्‍नता और झनझनाहट, शिशु का धीमा विकास, बच्‍चे की हड्डियों को पर्याप्‍त कैल्शियम न मिल पाना, मांसपेशियों और टांगों में ऐंठन, भूख कम लगना और कुछ दुर्लभ मामलों में हड्डियों का फ्रैक्‍चर भी हो सकती है।

गर्भावस्था में कैल्शियम का स्रोत:

कैल्शियम का स्रोत है संतरा : संतरा विटामिन-सी का मुख्य स्रोत होता है और इसके सेवन से कैल्शियम की कमी पूरी की जा सकती है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। संतरे को चाय-कॉफ़ी पीने के बाद खाएं। खाने से एक घंटा पहले या खाने के एक घंटे बाद ही संतरे का सेवन करें।

कैल्शियम का स्रोत है पालक: यह गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी पूरा करता है, इसे खाने से आयरन भी मिलता है। पालक बारिश में ना खाएं।

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कैल्शियम का स्रोत है खजूर: खजूर में मिलने वाला कैल्शियम बच्चे की हड्डियां और दांत बनाने में मददगार होता है। इसमें मौजूद फोलेट दिमाग से जुड़ी बीमारियों और कमजोरियों से बच्चे की रक्षा करता है। रात को सोने से पहले कुछ खजूर पानी में भिगोएं और सुबह उठकर खाएं।

कैल्शियम का स्रोत है बादाम: कैल्शियम की कमी दूर करने के लिए बादाम खाएं। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के साथ दिमाग भी तेज करता है। बादाम को रात में भिगोकर सुबह खाएं।

कैल्शियम का स्रोत है मसूर की दाल: प्रेगनेंसी की कैल्शियम डाइट में मसूर की दाल को शामिल करना चाहिए। रात में कभी भी मसूर की दाल ना खाएं।

कैल्शियम का स्रोत है दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध तथा दही दोनों में 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। कम फैट वाले दही यानि योगर्ट में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को दिन में 3-4 कप दूध पीना चाहिए।

कैल्शियम का स्रोत है ब्रोकली: ब्रोकली में एंटीऑक्सीडेंट, फॉलिक एसिड, आयरन, फाइबर के अलावा और भी बहुत से पोषक तत्व मौजूद होते है। आधा कप ब्रोकोली दो या तीन बार प्रति सप्ताह खाना चाहिए।

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग:

मसल क्रैम्प: शरीर में होमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा रहने और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से मसल क्रैम्प (मांस में खिंचाव या ऐंठन) का सामना कर रहे है तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत है।

लो बोन डेंसिटी: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, कैल्शियम हड्डियों की मिनरलेजाइशन के लिए जरूरी होता है। कैल्शियम की कमी सीधे हमारी हड्डियों की सेहत पर असर डालती है और इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।

कमजोर नाखून: नाखून के मजबूत बने रहने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, कैल्शियम की कमी से नाख़ून कमजोर हो सकते है।

दांत में दर्द: कैल्शियम दांतों और हड्डियों के लिए ज़रूरी है। उसकी कमी से दातों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है।

मासिक धर्म में दर्द: कैल्शियम की कमी वाली महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी तीव्र दर्द हो सकता है, क्योंकि मांसपेशियों के काम करने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है।

इम्युनिटी में कमी: कैल्शियम शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखता है। कैल्शियम की कमी होने पर शरीर में अटैक आसानी से हो सकता है।

नाड़ी की समस्याएं: कैल्शियम की कमी से न्यूरोलॉजिक्ल समस्याएं, जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द हो सकता है। कैल्शियम की कमी से डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया भी हो सकता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।

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