ज़िंदगी में पॉजिटिव रहें … कोरोना पॉजिटिव हो कर भी

20 जून को शुरुआत हुई बस हल्की सी गले में ख़राश व थोडा बुखार। ज़्यादा हैरानी नहीं थी क्योंकि मेरे पति जो कि हृदयविशेषज्ञ है, को 5 दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव आया था व उनकी देखभाल मैं ही कर रही थी। हर दिन मेरे लक्षण बढ़ते गए व एक अजीब से घबराहट ने घर कर लिया जो रह रहकर आती थी। थोड़ी खांसी या साँस फूलते ही लगता था बस जिंदगी ख़त्म।
मुझे लगा डॉक्टर होते हुए हम इतना घबराये हुए व संशयित हैं, तो बाकि सब का क्या हाल होता होगा। मैं बस ठीक होने की प्रतीक्षा करने लगी ताकि जल्दी से ये लेख लिख सकूँ। और लीजिये आज मैं एकदम बढ़िया हूँ, थोड़ी कमजोर पर दुरुस्त महसूस कर रही हूँ।
कोरोनाकाल में हमारा जीवन बदल चुका हैं, हम में से काफ़ी लोग डर डर के जी रहे हैं, कुछ कोरोना से ग्रसित हो चुके है और बाकी सोचते हैं उन्हें कभी होगा ही नहीं इसलिए मस्त हैं। लेकिन शोध बताते हैं कि कोरोना किसी को भी हो सकता है।
WHO के हिसाब से ये हवा से फैलता है तो बहुत सतर्क रहने की ज़रूरत है। मतलब आपको घर के अलावा सब जगह मास्क पहनना होगा। अच्छी खबर ये है कि ये बीमारी सिर्फ 3-4% के लिए घातक है, जिसमें 80 वर्ष से ज़्यादा उम्र के लोग व जिन्हें बीमारी हैं जैसे डायबिटीज, गुर्दे या दिल की बीमारी या बहुत बढ़ा हुआ मोटापा।
सारी सावधानी बरतने के बावजूद मुझे कोरोना हुआ मतलब सिर्फ़ बचाव ही सबकुछ नहीं है, ज़रूरी है जानना कि यदि हो जाए तो क्या करना चाहिए और आप इसका सामना कैसे करेंगे, अगर ये आपके साथ होता है।
तो चलिए जानते है कि यदि आपके घर में कोई कोरोना पॉजिटिव आता है या उसके लक्षण दिखाता है तो क्या करना चाहिए।
कोई भी आसानी से घर पर हल्के से मध्यम लक्षणों का उपचार कर सकता है, बशर्ते आपको पता हो कि यह किस तरह से किया जाना है।
अगर घर में कोई कोविड पॉजिटिव आता है- सबसे एक कमरा अलग तैयार करके रखें जिसमें बाथरूम साथ हो। सोचकर रखें कि भोजन, किराने का सामान, दवाएं और कपड़े धोने का प्रबंध कैसे किया जाएगा।
लक्षण:
- बुखार- 99 F से 103 F तक हो सकता है।
- गले में खराश- गले में हल्का या तेज दर्द
- शारीरिक दर्द
- खाँसी- ज्यादातर सूखी
- सांस फूलना
- सिरदर्द
- उल्टी, दस्त
- स्वाद और/ या सूंघने की शक्ति कुछ समय के लिए ख़त्म हो जाना
इन सब लक्षणों के साथ, कमजोरी और थकावट आती है।
1. प्रारंभिक लक्षणों के बाद इन रक्त परीक्षणों / ब्लड टेस्ट की सलाह दी जा सकती है-
CBC/सीबीसी, ESR/ईएसआर, CRP/सीआरपी, serum LDH/सीरम एलडीएच, SGPT/एसजीपीटी, serum ferritin/ सीरम फेरिटिन। अपने डॉक्टर से रिपोर्ट साझा करें।
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2. बीमारी और इसकी अवधि-
15 साल तक के बच्चों में ज्यादातर बिल्कुल नहीं या बहुत ही हल्के लक्षण हो सकते हैं जैसे मुँह में छाले या त्वचा पर चकते जो अपने आप ठीक हो जाते हैं। व्यस्क रोगियों में अधिकांश लोगों को 3-5 दिनों की सीमित बीमारी होती है, कुछ में 10-14 दिनों का लंबा समय लग जाता है। ज्यादा बुखार और गंभीर सांस फूलने जैसे गंभीर लक्षणों के मामले में, अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है, नहीं तो घर में ही आइसोलेट करना ठीक होगा।
3. COVID रोगी और उसकी देखभाल
रोगी को एक कमरे तक सीमित रखना चाहिए, बेहतर होगा यदि स्नानघर कमरे के साथ हो। कमरे के दरवाजे पर एक मेज़ रखना बेहतर है जिस पर भोजन परोसा जा सकता है। उस मेज के नीचे एक टोकरी रखो जहाँ मरीज गंदे कपड़े डाल सके। मेज रखने से आने जाने में भी टोक रहेगी।
किसी को भी कमरे में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं है। यदि हो सके तो रोगी का प्रत्येक 2 दिन में बिस्तर की चादर व खोली बदलना बेहतर होगा। हर दूसरे दिन रोगी खुद ही कमरे का पोछा लगा सकता है। खड़े होकर लगाने वाला पोछा मरीज के लिए आसान रहेगा।
4. बेड के साथ रखा जाने वाला सामान
- थर्मामीटर
- स्टीम इनहेलर- भाँप लेने की मशीन
- गर्म पानी की थर्मस या बिजली की केतली
- पल्स ऑक्सीमीटर
- टैब पेरासिटामोल/ tab paracetamol 650
- खाँसी की सिरप/ चूसने की गोलियाँ
- एक घंटी (रात में आपातकाल के मामले में)
5. आप यदि कोविड पॉजिटिव आते हैं तो
- अपने चिकित्सक को फोन करके सूचित करना होगा।
- पूर्ण आराम करना होगा।
- नियमित रूप से तापमान की जाँच करें- यदि बुखार 99F से अधिक है, तो टेबलेट paracetamol 650 लें, दिन में 3-4 बार से अधिक नहीं लिया जाना चाहिए।
- गर्म पानी पियें सारा दिन- जिसमें आप दिन में दो बार एक चुटकी हल्दी, सोंठ, काली मिर्च पाउडर और नमक मिला सकते हैं।
- भाप लें karvoplus कैप्सूल के साथ या इसके बिना भाप लेना सहायक और सुखदायक है- आप इसे प्रतिदिन तीन बार कर सकते हैं।
- खांसी की दवाई- जिसमें Dextromethorphan हो या खांसी के लिए कोई भी आयुर्वेदिक मिश्रण सहायक हो सकता है।
- हर 4 घंटे पर पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा ऑक्सीजन स्तर की जाँच करें या जब भी आपकी सांस फूलती है (यह लगभग 95% से अधिक होता है।
- फेफड़ों के स्वस्थ oxygen परिसंचरण के लिए पेट के बल या prone स्थिति पर सोना अच्छा है।
- श्वासन क्रिया व्यायाम- बहुत लाभदायक है क्योंकि कोरोना फेफड़ों पर सबसे पहले वार करता है। गहरी सांस लें और 3 गिनें और सांस छोड़ते हुए 4-5-6 की गिनती करें, हर बार पाँच सांस लें, प्रतिदिन तीन बार ; प्राणायाम योगव्यायाम भी फायदेमंद हो सकते हैं जो इंटरनेट पर सब जगह उपलब्ध हैं।
6.दवाएँ-
विभिन्न शहरों में विभिन्न डॉक्टरों द्वारा कई स़योजनो़ का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन कुछ जो मैंने लिए हैं Ivermectin, HCQS, Doxycycline, Azithromycin उन्हें शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। विटामिन सी और जिंक की गोलियां प्रतिदिन एक बार लेनी चाहिए। विटामिन डी की गोली हफ्ते में 2-3 बार 2 हफ्ते तक लें।
7. भोजन–
रोगी को ताजा व हल्का भोजन करना चाहिए। तलें, भारी व बांसी भोजन से बचें। केला, पपीता, मौसमी, नींबू व आँवला जैसे ताजे फलों का सेवन लाभकारी होगा।
8. मनोवैज्ञानिक पहलू
रोगी और उसके परिवार को हिम्मत से काम लेना होगा और एक दूसरे को हिम्मत देनी होगी। रोगी प्रियजनों व दोस्तों से बात करके, संगीत सुनकर, फिल्म देखकर और ध्यान/ meditation करके मानसिक रूप से व्यस्त रहना होगा। रोगी को गहरी व अच्छी नींद लेना बहुत ज़रूरी है।
हालांकि अगर नींद नहीं आ रही या नींद ना आने से परेशान हो तो अपने डॉक्टर से एक नींद की हल्की दवा लिखने के लिए करें। हर नकारात्मक सोच के साथ सोचिए- यह भी बीत जाएगा।
9. रोगी द्वारा उपयोग में लिए गए बर्तन
रोगी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी चीज को संभालने से घबराएं नहीं। बस इस्तेमाल किए गए बर्तनों या गंदे कपड़े उठाने के दौरान मास्क व दस्ताने पहनें। साबुन के पानी के एक छोटे टब में बर्तन रखें, गंदी चादर या गंदे कपड़े सीधे वॉशिंग मशीन या साबुन के पानी के टब में डालें। उन्हें कुछ समय के लिए छोड़ दें और फिर उन्हें धो लें।
10. मरीज का ठीक होना- स्वस्थ लाभ–
किसी भी बीमारी की सामान्य स्वस्थ पुनर्प्राप्ति अवधि के बारे में एक अच्छा डेटा प्राप्त करने के लिए यह बहुत कम समय है। लेकिन एक रोगग्रस्त रोगी को ठीक होने में लगभग 4-8 सप्ताह लग रहे हैं। एक बार लक्षण रहित या टेस्ट नेगेटिव, के बाद भी रोगी को कुछ सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता होती है:
- नियमित रूप से श्वसन क्रिया या प्राणायाम
- कुछ मिनट चलना-धीमी गति से
- पर्याप्त आराम
- अच्छा आहार
- सांस लेने या किसी भी तरह की अन्य समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें
- उदासी महसूस होने पर किसी से बात करें
11. देखभाल करने वाले द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां
रोगी के कमरे में प्रवेश करने से बचें। यदि आपको प्रवेश करना है तो एक तीन परत का मास्क, दस्ताने और एप्रेन पहनें। कमरे से बाहर निकलते ही तीनों चीज़ों को त्यागें या धोएं। रोगी से बात करते समय 3-4 मीटर की दूरी रखें। एक ही घर में रहने के बावजूद बुजुर्ग वीडियो कॉलिंग द्वारा मरीज के संपर्क में रह सकते हैं। रोगी का परिवार अपने परिवार के चिकित्सक से पूँछने के बाद रोगनिरोधी HCQS लें सकता है।
12. रोकथाम
- हाथों को साबुन से धोना, सामाजिक दूरी रखना और मास्क पहनना सभीरोग निरोधक हैं। भीड-भाड वाली जगह पर जाने के बाद आकर नहाएँ,अपने मास्क रोज धोएँ और सामजिक समारोहों में ना जाने से भी आप काफी हद तक बच सकते हैं।भारतीय काढ़ा प्रभावी पाया जाता है।
- विटामिन सी, विटामिन डी और जिंक की गोलियाँ को हर किसी के लिए प्रतीक्षा बूस्टर के रूप में लेने की सलाह दी जाती है।हमेशा सक्रिय और आनंदित रहें। ध्यान रखें, की ज़रुरत पड़ने पर कौन से चिकित्सक से संपर्क करना है और निकटतम COVID परीक्षण केंद्र की जगह को जानें !
- COVID के लिए परीक्षण मुश्किल से 2-3 मिनट की प्रक्रिया है। एक लकड़ी की डंडी पर रुई लपेटकर गले व एक नथुने में डालकर सैंपल लिया जाता है।
याद रखें, कोरोना किसी भी खांसी- जुकाम की तरह है जो ठीक होने में थोड़ा अधिक समय लेता है और बहुत संक्रामक है। यदि आपको किसी भी प्रकार के लक्षण है, तो अपने आप को अलग करें और अपने चिकित्सक से बात करें। ख़ुशी और नैतिक समर्थन के लिए अपने दोस्तों और प्रियजनों के संपर्क में रहें। मदद मांगने में संकोच ना करें।
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