Latest Health update: आयुर्वेदिक दवा ‘फीफाट्रोल’ से मात्र 6 दिन में कोरोना मुक्त हुआ मरीज

Ayurvedic Drug Fifatrol : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को खत्म करने में आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic treatment) का शानदार असर देखने को मिला है। आयुर्वेद की दवा फीफाट्रोल (Ayurvedic Drug Fifatrol) से मात्र 6 दिन में कोरोना के मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
दरअसल, आयुर्वेदिक दवा फीफाट्रोल (Ayurvedic Drug Fifatrol) का ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA ) दिल्ली के डॉक्टरों ने कोरोना के मरीजों पर प्रयोग किया। डॉक्टरों का दावा है कि मरीज एक हफ्ते में संक्रमण मुक्त हो गया।
मरीज को प्राकृतिक दवाओं और आयुर्वेदिक थेरेपी से ठीक किया गया। बता दें, यह रिपोर्ट ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के जर्नल में प्रकाशित की गई है।
1. कैसे काम करती है आयुर्वेदिक दवा ‘फीफाट्रोल’ दवा?
आयुर्वेदिक दवा फीफाट्रोल (Ayurvedic Drug Fifatrol) में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली हर्ब्स जैसे गुडुची, संजीवनी घनवटी दारुहरिद्रा, चिरायता, कुटकी, तुलसी, गोदंती भस्म और मृत्युंजय रस के प्रयोग से बनी है। यह वायरस और बैक्टीरिया दोनों के संक्रमण से लड़ती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह दवा एंटीबायोटिक है लेकिन फ्लू और दर्द में भी दी जाती है। नेशनल डेवलपमेंट रिसर्च कॉरपोरेशन के मुताबिक, फीफाट्रोल (Ayurvedic Drug Fifatrol) नाक से जुड़ी दिक्कतों, गले में सूजन, शरीर और सिर में दर्द से भी राहत देती है। सांस की नली से जुड़े संक्रमण का इलाज करने में इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसमें कई तरह के माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स हैं।
मरीज की केस स्टडी
एक 30 वर्षीय हेल्थ वर्कर को कोरोना संक्रमण हुआ, उसे क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया। मरीज में कोरोना के ज्यादातर लक्षण सामान्य थे। ट्रीटमेंट के दौरान उसे फीफाट्रोल की टेबलेट्स, शम्समणि वटी, आयुष क्वाथ और लक्ष्मी विलास रस दिया गया। खानपान में बदलाव किया गया। इसके साथ ही उसे सत्ववाज्य चिकित्सा दी गई। इलाज शुरु होने के बाद छठे दिन मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आई। 16वें दिन भी आरटी-पीसीआर टेस्ट हुआ, जो निगेटिव रहा।
2. कोरोना को बेअसर करने वाला एंटीवायरल मास्क तैयार

(i.) कोरोना वायरस के संक्रमण को बेअसर करने के लिए बाजार में कई तरह के मास्क (Coronavirus Antiviral Layer Mask) मौजूद हैं जो वायरस के खतरे को खत्म करने का दावा करते हैं। इसी कड़ी में अमेरिका की नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी ने एक नए किस्म का मास्क बनाया है, जो 82% तक ड्रॉप्लोट्स को सैनेटाइज भी करता है। यह रिसर्च मैटर जर्नल में प्रकाशित हुई है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नए किस्म के मास्क में नॉन-वोवेन फैब्रिक का इस्तेमाल किया, यह सांस लेने में दिक्कत नहीं करता। एंटीवायरल लेयर वाला मास्क (Coronavirus Antiviral Layer Mask) तैयार करने वाली अमेरिका की नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी का कहना है, लैब में सांस लेने, छोड़ने, खांसी और छींकने के दौरान यह पाया गया कि नॉन-वोवेन फैब्रिक सबसे बेहतर कपड़ा है।
मैटर जर्नल में पब्लिश हुई रिसर्च कहती है, एंटी-वायरल लेयर मास्क (Coronavirus Antiviral Layer Mask) रेस्पिरेट्री ड्रॉप्लेट्स को 82 फीसदी तक सैनेटाइज करते हैं।
ii. ऐसे तैयार किया एंटीवायरल लेयर वाला मास्क
वैज्ञानिकों ने मास्क (Coronavirus Antiviral Layer Mask) को तैयार करने के लिए नॉन-वोवेन फैब्रिक का इस्तेमाल किया। इस पर ऐसे केमिकल की लेयर चढ़ाई गई है जो सांस बाहर छोड़ते समय ड्रॉप्लेट्स को सैनेटाइज करता है। ऐसा होने पर संक्रमित रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स बाहर हवा में नहीं फैलते। मास्क पर लेयर चढ़ाने के लिए फॉस्फोरिक एसिड और कॉपर साल्ट का प्रयोग किया गया है।
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