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एनीमिया के लक्षण और प्रकार | Daily Health Tip | Aayu App

एनीमिया के लक्षण और प्रकार | Daily Health Tip | Aayu App

सीने में दर्द, खून की कमी का संकेत हो सकता है यानि एनीमिया। इससे बचने के लिए आप आयरन से भरपूर चीज़ें जैसे गाजर, केला ,अनार, चुकंदर आदि का सेवन करें।

Chest pain can be a symptom of Anaemia. Including iron-rich foods in your diet like carrot, apple, banana, pomegranate, beetroot etc. can be helpful.

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एनीमिया एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर के अंदर खून की कमी हो जाती है। अगर समय रहते इसका निदान ना किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है इसलिए जरूरी है कि आप एनीमिया, उसके लक्षण व कारणों के बारे में पूरी जानकारी रखें साथ ही यह भी पता हो कि ऐसी कौन-सी चीजें है, जिन्हें खाने से एनीमिया को ठीक किया जा सकता है।

एनीमिया के लक्षण:

सबसे पहले यह जानें कि एनीमिया किन लोगों को जल्दी से होता है ऐसे लोग जो लंबे समय से किसी बीमारी या इंफेक्शन के शिकार है उन्हें आसानी से एनीमिया हो सकता है। एनीमिया के कुछ प्रकार अनुवांशिक (Genetic) है, लेकिन खराब डाइट और जीवनशैली की वजह से भी खून की कमी हो सकती है। थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला होना, दिल की धड़कन का असामान्य होना, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द आदि एनीमिया के लक्षण है। स्टूल के कलर में बदलाव, कम ब्लड प्रेशर, स्किन का ठंडा पड़ना, स्प्लीन का साइज बढ़ना भी एनीमिया के लक्षण है।

सिरदर्द, छाती या पैरों में दर्द, जीभ में जलन होना, मुँह और गला सूखना, मुँह के कोनों पर छाले हो जाना, बालों का कमजोर होकर टूटना, निगलने में तकलीफ होना, स्किन, नाखून और मसूड़ों का पीला पड़ जाना आदि भी एनीमिया की तरफ इशारा करते है। लगातार एनीमिया होना डिप्रेशन का रूप हो सकता है।

एनीमिया के प्रकार और लक्षण:

एनीमिया 3 तरह का होता है- माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर। अगर बॉडी में हीमोग्लोबिन 10 से 11 g/dL के आसपास हो तो इसे माइल्ड एनीमिया कहते है। वहीं अगर हीमोग्लोबिन 8 से 9 g/dL है तो इसे मॉडरेट एनीमिया कहते है जबकि सीवियर एनीमिया में हीमोग्लोबिन 8 g/dL से कम होता है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें मरीज की हालत के अनुसार खून चढ़ाने की नौबत आती है।

एनीमिया कई वजहों से हो सकता है जैसे ब्रेन हेमरेज होना या फिर लगातार खून बहने की वजह से शरीर में खून की कमी हो जाना। फॉलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन, विटमिन-सी और बी-12 की कमी हो जाए तो एनीमिया हो सकता है। अगर फैमिली हिस्ट्री में ल्यूकेमिया या थैलीसीमिया की बीमारी हुई है उस स्थिति में एनीमिया होने की संभावना 50 फीसदी तक बढ़ जाती है।

एनीमिया के बारे में कुछ खास बातें:

  • एनीमिया मुख्य रूप से तीन तरह का होता है, लेकिन सबसे आम आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया है। करीब 90 फीसदी लोगों में आयरन की कमी वाला एनीमिया ही होता है।
  • कुछ लोग आइस क्यूब बहुत खाते है। यह भी एनीमिया का लक्षण हो सकता है।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनीमिया की एक खास क्वॉलिटी भी होती है। एनीमिया मुख्य रूप से आयरन की कमी से होता है और जब शरीर में आयरन कम हो जाता है तो इंफेक्शन पैदा होने का खतरा नहीं होता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर बैक्टीरिया अपनी पावर बढ़ाने के लिए आयरन पर निर्भर होते है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में एनीमिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। दुनियाभर में 40 फीसदी गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होता है। गर्भवती महिलाओं में 20 से 30 फीसदी अधिक ब्लड सप्लाई होता है ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन मिलें लेकिन ऐसा हमेशा संभव नहीं हो पाता कि गर्भवती महिलाओं के शरीर में अत्यधिक मात्रा में ब्लड प्रड्यूस हो।

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.

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