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Acute Encephalitis Syndrome | चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) को कैसे हराएं?

Acute Encephalitis Syndrome | चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) को कैसे हराएं?

बिहार तीव्र मस्तिष्क बुखार अथवा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) से जूझ रहा है और वहां के बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण विषाक्त या संक्रमित लीची फल का सेवन पाया गया है। विषाक्त लीची फल के सेवन से बिहार में अब तक लगभग 135 बच्चों की जान चली गई है। यह आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है।

आम भाषा में इसे “चमकी बुखार” भी कहा जाता है।  कई रिपोर्टों के अनुसार, फल के वायरस से संक्रमित पाए जाने से बच्चों में तीव्र मस्तिष्क बुखार अथवा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लक्षण दिखाई दिए। सभी बच्चों में रक्त शर्करा के स्तर में अचानक गिरावट की वजह से उनकी असामयिक मृत्यु हो गई।

तीव्र मस्तिष्क बुखार (चमकी बुखार) या एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम क्या है? (What is Acute Encephalitis Syndrome)

एईएस (AES) के रूप में जानी जाने वाली, यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो मस्तिष्क और लिम्बिक प्रणाली को प्रभावित करती है जब वायरस या बैक्टीरिया शरीर पर हमला करता है। हाल के मामले में, लीची फल में पाया जाने वाला वायरस शरीर में प्रवेश कर गया और प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ-साथ मस्तिष्क पर भी हमला किया। चूंकि बीमारी मस्तिष्क की नसों पर हमला करती है, इसलिए इसे मस्तिष्क ज्वर के रूप में भी जाना जाता है।

मेडकॉर्ड्स (MedCords) विशेषज्ञ के अनुसार एन्सेफलाइटिस मस्तिष्क के ऊतकों की सूजन है। एक बार जब वायरस रक्त के अंदर प्रवेश करता है, तो यह मस्तिष्क के ऊतकों में चला जाता है और इसकी संख्या बढ़ने लगती है। रीढ़ की हड्डी और हमारा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र वायरस से संक्रमित रक्त वाहिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।


एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) एक बहुत खतरनाक बीमारी है और समय पर उपचार महत्वपूर्ण है। दिमागी बुखार एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसका समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा बीमारी में बदल सकती है। 2008 और 2014 के बीच भारत में चमकी बुखार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिसमें विशेष रूप से बिहार में लगभग 44, 000 मामलों के साथ 6000 मौत हुई।

यह कैसे फैलता है?

अन्य वायरल संक्रमणों की तरह, एईएस (AES) दूषित सतहों से फैलता है। एंटरोवायरस (Enterovirus) जैसे वायरस पानी के माध्यम से संक्रमण फैला सकते हैं। एक संक्रमित व्यक्ति अपने स्राव और लार के माध्यम से और लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। बिहार में यह बीमारी विषाक्त लीची फल द्वारा बच्चों में फैली है।

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चमकी बुखार के लक्षण (Symptoms of Acute Encephalitis Syndrome)

हालांकि इसके लक्षणों को ठीक से पहचानना मुश्किल होता है क्यूंकि इस रोग के लक्षण तेजी से फैलते हैं। वायरस मस्तिष्क में महत्वपूर्ण कोशिकाओं पर हमला करते हैं। सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:

• चक्कर आना, सिरदर्द

• शरीर में दर्द

• बुखार, मतली और उल्टी

• थकान, भ्रम, चिंता या अजीब तरह से बात करना

• दृष्टि कमज़ोर होना

• बहरापन

• पीठ दर्द, कमजोरी, चलने में परेशानी

• पक्षाघात या लकवा

• दौरे या मरोड़

• बेहोशी की हालत

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बच्चों के लिए जोखिम क्यों है?

बच्चों में मृत्यु दर का ज़्यादा होना उनमें पोषण की कमी की वजह से होता है। रक्त शर्करा के स्तर में असंतुलन व कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली इसका कारण बनता है।

इलाज (Treatment of Acute Encephalitis Syndrome)

इस वायरल संक्रमण के लिए सबसे ज़रूरी है शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना व ग्लूकोज़ के स्तर को बनाये रखना।

सही पोषण और बुखार व दौरों पर नियंत्रण द्वारा इस बीमारी का इलाज किया जा सकता हैं। कुछ रोगियों को श्वास में परेशानी की वजह से आईसीयू देखभाल की भी आवश्यकता हो सकती है। वायरल एन्सेफलाइटिस में, एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते हैं इसलिए एंटीवायरल का उपयोग किया जाता है।

इसे कैसे रोका जाए?  (Prevention from Acute Encephalitis Syndrome)

मच्छर जनित बीमारी को रोकने के लिए सबसे पहली बात यह है कि अपने आस-पास के क्षेत्रों को साफ रखें और मच्छरों के प्रजनन को रोकें। इस स्थिति से लड़ने के लिए डॉक्टर भी हाइड्रेटेड रहने के लिए भरपूर पानी पीने का सुझाव देते हैं जो आवश्यक विटामिन की आपूर्ति करता है और शरीर से सभी विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालता है। इसके अलावा खसरा, कण्ठमाला और वैरिकाला जैसी बीमारियों के लिए टीके लगवाना, जो बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं, सुरक्षित रहने में भी मदद करते हैं। एहतियात के रूप में फलों और सब्जियों को अच्छे से धो कर ही सेवन करना चाहिए।

इस महामारी से बचने के लिए ज़रूरी है कि लोगों के बीच इसकी जागरूकता हो और वो इसे शुरूआती चरण में ही पहचान लें। शुरूआती स्तर पर इसकी पहचान होने पर इसका इलाज संभव है व इसके जानलेवा प्रभाव से बच्चों को बचाया जा सकता है।

यदि आप को किसी बच्चे में चमकी बुखार (Acute Encephalitis Syndrome) के लक्षण दिख रहे हैं, तो आज ही हमारे टोल फ्री नंबर +91-781-681-1111 पर कॉल करें और नज़दीकी सेहत साथी के पास जा कर एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लें। याद रहे की लक्षण गंभीर होने पर घरेलु इलाजों पर निर्भर न रहें और जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।

manik singla
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