शरीर में पाए जाने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट्स | Daily Health Tip | Aayu App

“अगर आप कान के पीछे के झुकाव वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट को दबाते है तो यह सिरदर्द, चक्कर जैसी परेशानियों में आराम देता है। “
” If you press the acupressure area on the back of your ear , it could relieve headache and dizziness . “
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एक्यू चीनी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है पॉइंट। हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी पॉइंट होते हैं। इन पॉइंट्स पर बारीक सूई से पंक्चर (छेद) कर इलाज किया जाए तो एक्यूपंक्चर कहलाता है और अगर उन्हीं पॉइंट्स पर हाथ से या किसी इक्युपमेंट से दबाव डाला जाए तो एक्यूप्रेशर। डब्ल्यूएचओ ने भी एक्यूपंक्चर को असरदार बताया है।
एक्यूप्रेशर में अंगूठों और उंगलियों की मदद से खास पॉइंट्स को दबाया जाता है। यह हल्की-फुल्की बीमारी में असरदार मानने के अलावा क्रॉनिक यानि लंबे समय से चल रही बीमारी में ज़्यादा फायदा नहीं होता। अगर नस खिंचने से दर्द होता है तो एक्यूप्रेशर से फायदा हो सकता है, लेकिन स्लिप डिस्क या सर्वाइकल जैसी बिमारियों में यह नुकसान पहुँचा सकता है। आप पॉइंट्स पहचानकर खुद इसे कर सकते हैं। एक्यूप्रेशर में हर पॉइंट को दो-तीन मिनट दबाना होता है। आमतौर पर 3-4 सेशन में असर दिखने लगता है और 15-20 सिटिंग्स में पूरा आराम आ जाता है। इलाज लंबा भी चल सकता है।
कैसे काम करता है एक्यूपंक्चर:
एक्यूपंक्चर में शरीर के खास पॉइंट्स में बारीक सुई लगाई जाती हैं। एक सेशन आमतौर पर 40-60 मिनट का होता है और एक बार में 15-20 पॉइंट्स पंक्चर किए जाते हैं। एक्युपंक्चर माइग्रेन, तनाव से होने वाले सिरदर्द, एंग्जाइटी, साइनस, अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, चेहरे का लकवा, टॉन्सिल्स, आंख की बीमारी ऑप्टिक नर्व ऑट्रॉफी, पुराना जुकाम, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, आर्थराइटिस, बॉडी पेन, गैस, एसिडिटी, इनफर्टिलिटी और महिलाओं की दूसरी समस्याएं आदि में बहुत असरदार माना जाता है। इससे इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। खुद की इस्तेमाल की हुई सूइयां भी दोबारा इस्तेमाल ना करें।
एक्यूप्रेशर के पॉइंट्स:
GV 20 या DU 20: यह सिर के बीचोंबीच, जहां कई लोग चोटी रखते हैं के यहाँ उपस्थित होता है। यह याददाश्त बढ़ाता है, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, हाइपर ऐक्टिविटी को कम कर मन को शांत करता है।
GB 20: यह पॉइंट कान के पीछे के झुकाव में उपस्थित होता है। यह डिप्रेशन, सिरदर्द, चक्कर और सेंस ऑर्गन यानि नाक, कान और आंख से जुड़ी बीमारियों में राहत देता है। दिमागी असंतुलन, लकवा और यूटरस की बीमारियों में भी असरदार है।
LI 11: यह कोहनी के बाहरी हिस्से पर उपस्थित होता है। यह कॉलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर, गले में इंफेक्शन, यूरिन इंफेक्शन, उल्टी, डायरिया, हिचकी, पीलिया आदि में असरदार है। खून से संबंधित हर बीमारी में कारगर है।
ST 36: यह घुटने से चार उंगली नीचे, बाहर की तरफ उपस्थित होता है। इस पर रोजाना मसाज कई बीमारियों से बचाता है। यह स्टैमिना बढ़ाता है। थकान और लंबी बीमारी के बाद ठीक होने में मदद करता है। पेट की बीमारियों में असरदार है।
चेतना पॉइंट: लेफ्ट हाथ में कलाई और कोहनी के बिल्कुल बीचोबीच उपस्थित होता है। 30-35 साल की उम्र के बाद इसे नियमित रूप से दबाने से बुढ़ापा आने की रफ्तार कम होती है। यह नींद लाने में भी मदद करता है।
कुछ टिप्स:
- मिट्टी में रोजाना 10-15 मिनट नंगे पैर चलें। नंगे पैर चलने से तलवों में मौजूद पॉइंट्स दबते हैं, जिससे खून का दौर बढ़ता है। इससे थकान और तनाव कम होता है और पैरों, घुटनों व शरीर के दर्द में राहत मिलती है। जो लोग नंगे पांव नहीं चलना चाहते, वे सरसों या किसी भी तेल से तलवों की जोर-जोर से तब तक मसाज करें, जब तक कि उनसे गर्मी न निकलने लगे।
- हफ्ते में दो बार सिर की 5-10 मिनट अच्छी तरह से तेल से मसाज करें। इसके अलावा सीवी 20 पॉइंट (जहां कई लोग चोटी रखते हैं) पर रोजाना 15-20 बार हल्के हाथ से मारें। इससे करीब 100 पॉइंट जागते हैं। डिप्रेशन से लेकर लॉस, पार्किंसंस जैसी दिक्कतों में मदद मिलती है।
- कान के नीचे वाले हिस्से (इयर लोब) की रोजाना पांच मिनट मालिश करने से याददाश्त बेहतर होती है।
- नहाते हुए रोजाना तलवों को ब्रश से 4-5 मिनट अच्छी तरह रगड़ें।
- रोजाना अच्छी तरह से ब्रश के पीछे वाले हिस्से, जीभ या फिर उंगलियों से रगड़ कर साफ करें। जीभ में हार्ट, किडनी आदि के पॉइंट होते हैं। जीभ की सफाई के दौरान यह दबते हैं।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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