एसिडिटी, जी मिचलाना और अल्सर | Daily Health Tip | 24 February 2020 | AAYU App
“एक गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर और आधे नींबू का रस, खाली पेट नियमित सेवन से पेट साफ रहता है और एसिडिटी में फायदा होता है। “
” Drinking a glass of lukewarm water mixed with black Pepper powder and lemon juice daily helps in relieving acidity problems. ”
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पेट के रोग कई सारे और रोगों का कारण बन सकते है। पेट से जुड़ें कुछ आम रोग है एसिडिटी, जी मचलना और अल्सर।
पेट में बनने वाला एसिड उस भोजन को पचाने का काम करता है, जो हम खाते हैं, लेकिन कई बार पचाने के लिए पेट में पर्याप्त भोजन नहीं होता या फिर एसिड आवश्यक मात्रा से ज़्यादा बन जाता है। वसायुक्त और मसालेदार भोजन आमतौर में एसिडिटी की प्रमुख वजह है।
- लगातार बाहर का भोजन करना
- भोजन करना भूल जाना
- अनियमित तरीके से भोजन करना
- मसालेदार खाने का ज़्यादा सेवन करना
- तनाव एसिडिटी का कारण है
एसिडिटी से बचने के लिए क्या करें:
- पानी: सुबह उठने के तुरंत बाद पानी पिएं। रात भर में पेट में बने आवश्यकता से अधिक एसिड और दूसरी गैर ज़रूरी और हानिकारक चीज़ों को पानी के ज़रिये शरीर से बाहर निकाला जा सकता है।
- फल: केला, तरबूज, पपीता और खीरा को रोजाना खाएं। तरबूज का रस एसिडिटी के इलाज में मददगार है।
- नारियल पानी: किसी को एसिडिटी की शिकायत है तो नारियल पानी पीने से काफी आराम मिलता है।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम और ध्यान की क्रियाएं पेट, पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र का संतुलन बनाएं रखती हैं।
जी मिचलना और उल्टी आना शरीर में मौजूद किसी रोग के लक्षण हैं। शरीर में मौजूद बीमारी का पता लगाना और इलाज करना आवश्यक है, जिसकी वजह से उल्टी आना या जी मिचलाना जैसे लक्षण उभर रहे हैं। पानी की कमी को रोकने के लिए उल्टी और जी मिचलाने के लक्षणों को नियंत्रित करना बेहद महत्वपूर्ण है।
- गर्भावस्था की प्रारंभिक अवस्था
- गर्भावस्था के 50 से 90 प्रतिशत मामलों में जी मिचलाना आम बात है।
- 25 से 55 प्रतिशत मामलों उल्टी आने के लक्षण भी हो सकते हैं।
- दवाइयों की वजह से होने वाली उल्टी
- तेज दर्द
- भावनात्मक तनाव या डर
- पेट खराब होना
- आवश्यकता से ज्यादा खा लेना
- खास तरह की गंध को बर्दाश्त न कर पाना
- दिल का दौरा पड़ना
- दिमाग में लगी चोट
- ब्रेन ट्यूमर
- अल्सर
- किसी तरह का कैंसर
- पेट मे संक्रमण की वजह
- अल्कोहल और धूम्रपान
- उल्टी अगर बेहोशी की हालत में हो तो यह घातक साबित हो सकती है। इससे इंसान की जान भी जा सकती है।
- तेज सिरदर्द
- आलस, व्याकुलता या सतकर्ता में कमी
- पेट में तेज दर्द
- डायरिया या दस्त
- सांस या नब्ज का तेज चलना
पौष्टिक अल्सर पेट या छोटी आंत की परत में होने वाले घाव को पौष्टिक अल्सर कहते हैं।
- पेट में हेलिकोबेक्टर पायलोरी नामक बैक्टीरिया की वजह से होने वाला संक्रमण
- डिस्प्रिन, एस्प्रिन जैसी दर्दनाक दवाएं
- धूम्रपान
- मल के साथ खून आना
- थकान
- वजन में कमी
- पौष्टिक अल्सर का सबसे प्रमुख कारण अपच और खाने के बाद पेट में होने वाला दर्द
- भूख कम लगना
- भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ न ले पाना
- हल्का जी मिचलाना
- पेट में अचानक तेज दर्द
- व्याकुलता
- खून की उल्टी होना मल के साथ खून आना
- रेशेदार भोजन करें, खासकर फल और सब्जियां। इससे अल्सर होने का खतरा कम होता है।
- मसालेदार खाना खाने से अल्सर के लक्षण और बिगड़ सकते है।
- धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बंद कर दे।
- कैफीन रहित सभी तरह की कॉफ़ी कम पिएं। सोडायुक्त पेय भी कम लें।
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