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मोटे लोगों को कोरोना का खतरा ज़्यादा, जानें मोटापे की वजह

मोटे लोगों को कोरोना का खतरा ज़्यादा, जानें मोटापे की वजह

मोटे लोगों को कोरोना का खतरा ज़्यादा रहता है। आप जानना चाहते होंगे ऐसा क्यों। ऐसा इसलिए क्योंकि जो लोग मोटे होते है उन्हें ज़्यादा बीमारियाँ रहती है जैसे कि ब्लड प्रेशर आदि।

मोटे लोगों के सेल्स में एसीई-2 रिस्पेटर होते हैं, इसके चलते लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा रहता है। अब आप जानना चाहते होंगे कि एसीई-2 रिसेप्टर्स वास्तव में हमारे शरीर में हॉर्मोन प्रणाली (Hormone System) का एक हिस्सा है जो ब्लड प्रेशर, तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को कंट्रोल करता है।

इस प्रणाली को आरएएस (रेनिन-एंजियोटेनसिन प्रणाली) कहा जाता है। आरएएस प्रणाली में फेफड़े, किडनी, लिवर, मस्तिष्क और परिसंचरण तंत्र जैसे कई अंग शामिल होते हैं।

आरएएस प्रणाली का कार्य : शरीर का ब्लड प्रेशर कम होने पर किडनी की कोशिकाएं खून में रेनिन हार्मोन रिलीज करती हैं। यह रेनिन एन्जियोटेंसिनोजेन नाम के प्रोटीन को तोड़कर एन्जियोटेंसिन-1 में बदलती है। एन्जियोटेंसिनोजेन को लिवर रिलीज करता है और यह लगातार रक्त में मौजूद रहता है।

एन्जियोटेनसिन-1 एक निष्क्रिय प्रोटीन है, जिसे सक्रिय होने के लिए एन्जियोटेंसिन-2 में बदलना होता है। यह बदलाव एंजियोटेनसिन- कंवर्टिंग एंजाइम (एसीई) द्वारा किया जाता है। यह एंजाइम हमारे फेफड़ों और किडनी की रक्त वाहिकाओं में प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है।

इसके बाद एसीई फेफड़ों और किडनी की रक्त वाहिकाओं की सतह पर मौजूद एसीई रिसेप्टर्स को बाँधता है और रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है। इससे ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है और अगर आपका ब्लड प्रेशर पहले से ही कम है तो यह संतुलित हो जाता है। एसीई2 किडनी से एल्डोस्टेरोन नामक हार्मोन को रिलीज करता है, जो किडनी फंक्शन को सुधारता है और शरीर में सोडियम-पोटैशियम (इलेक्ट्रोलाइट) को संतुलित रखता है।

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भारत में करीब 13.5 करोड़ लोग मोटापे से परेशान हैं, मोटे लोगों में हृदय रोग का जोखिम सबसे ज्यादा होता है।

कोरोना का मोटापे के साथ भी कनेक्शन सामने आ रहा है। ज्यादा वजन और मोटे लोग कोरोनावायरस की चपेट में आने पर गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। उनकी मौत होने की संभावना ज्यादा होती है। 

एक शोध में पाया गया है कि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से ज्‍यादा वाले लोगों में कोरोना से संक्रमित होने का जोखिम ज्‍यादा होता है। जो जितना ज्यादा मोटा होगा, उसे कोरोना का रिस्क उतना ज्यादा होगा।

मोटे लोगों के सेल्स में एसीई-2 रिस्पेटर होते हैं। इसके चलते अधिक वजन और मोटे लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा होता है। दरअसल, फैट सेल्स में एसीई-2 रिस्पेटर लंग्स से ज्यादा पाए गए। ये रिस्पेटर जिन सेल्स में ज्यादा होंगे, उनमें वायरस का खतरा उतना ही ज्यादा होता है।

मोटापे की मुख्य वजह: Main Reasons of Fat

मोटापा या वजन बढ़ने के पीछे कई आदतें जिम्मेदार होती है। मोटापा जेनेटिक होता है, एक्टीविटी कम होने, डेस्क जॉब होने से भी वजन बढ़ सकता है। बच्चों में मोटापा मैदान में ना खेलने से आता है। डाइट में जंक फूड लेने या फूड पैटर्न में बदलाव से भी वजन बढ़ने का डर रहता है। रात में नींद नहीं पूरी होना या रात में ज्यादा खाना खाने से मोटापा बढ़ता है।

मोटापा और वजन कम करने के लिए सबसे पहले शूगर का इस्तेमाल बंद करें:

  • वजन और मोटापा घटाने के लिए शुगर बंद करने के साथ कार्बोनेट बेवरेज को भी बंद करना चाहिए, क्योंकि इनके इस्तेमाल से वजन बढ़ता है। आर्टीफिशियल स्वीटनर से भी वजन बढ़ता है। इन चीजों को छोड़ने से आप अपना वजन कम कर सकते हैं।
  • उसमें ज्यादा चोकर निकला जाता है। इसके चलते रोटी के जरिए मिलने वाला फाइबर नहीं मिल पाता है। चोकर में फाइबर होता है। इसलिए आटे को बहुत पतली छननी से ना छानें। इसके अलावा दिन भर में 2 से ढाई लीटर पानी जरूर पीएं, क्योंकि कम पानी पीने से भी वजन बढ़ता है।
  • खाने की चीजों में सोडा, बेकिंग सोडा और मैदा है तो वो भी वजन बढ़ता है। इसकी वजह से बॉडी का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ जाता है। सोयाबीन का तेल वजन बढ़ाता है। इसलिए इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए।
  • मोटापा या ज्यादा वजन होना कई सारी बीमारियों की वजह माना जाता है। सांस की बीमारी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। सोते समय इन्हें खर्राटे भी आते है। मोटापे की वजह से शरीर में सूजन जैसी स्थिति बन जाती है। स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। कार्डियोवेस्कुलर डिजीज, गाउट, ज्वाइंट की समस्या होती है।
  • भूख लगने पर पहचाने की खाने की भूख है या प्यास की। अगर आप रात में जल्दी सो सकते हैं तो हल्का भोजन ही करें। इसमें खिचड़ी, दूध और ओट्स, उबली हुई सब्जियां और दलिया जैसी चीजों को खा सकते हैं। वजन घटाने के लिए सुबह-शाम चाय जरूर पीएं।

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कैसे जाने आपका वजन ज़्यादा है? How to know your fat is more:

  • अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट के मुताबिक एक व्यस्क भारतीय का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) यदि 23 से 24.9 के बीच है तो इसका मतलब उसका वजन ज्यादा है। इसी तरह यदि आपका बीएमआई 25 से ज्यादा है तो आप मोटापे से ग्रसित हैं। किसी भी शख्स के बीएमआई को जानने के लिए अपने वजन(किलोग्राम) को लंबाई (मीटर में) से भाग देते हैं।
  • मोटापे का पता लगाने का दूसरा सामान्य तरीका कमर के साइज से पता लगाना है। 94 सेंटीमीटर से ज्यादा कमर वाले पुरुष और 80 सेंटीमीटर से ज्यादा कमर वाली महिलाओं को मोटापा संबंधी मुश्किलें शुरू हो जाती हैं।

भारतियों में पेट का मोटापा सबसे प्रमुख है?

भारत में करीब 13.5 करोड़ लोग मोटापे से परेशान हैं। ICMR-INDIAB के अध्ययन के मुताबिक में भारत में मोटापे की दर 2015 तक 11.8% से 31.3% और 16.9%-36.3% तक थी। भारतीयों में पेट का मोटापा सबसे प्रमुख है। इसके चलते मोटे लोगों में हृदय रोग का जोखिम सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा मोटापे से पीड़ित हैं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।

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