Corona Brief News: वैक्सीन के ट्रायल के लिए आगे आई 22 साल की साइंटिस्ट, पहला डोज कोविड योद्धाओं को…
COVID-19 vaccine: कोरोना वैक्सीन जल्दी से जल्दी लोगों तक पहुँचे, इसके लिए 22 साल की साइंटिस्ट खुद पर वैक्सीन के ट्रायल को आगे आई हैं। दूसरी और भारत के केंद्रीय मंत्री का कहना है कि वैक्सीन बनने के बाद सबसे पहले इसे कोविड योद्धाओं को दिया जाएगा।
1.वैक्सीन के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार –
कोविड-19 वैक्सीन के लिए दुनियाभर के देश रिसर्च कर रहे हैं। हालांकि रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन (Vaccine) बनने का दावा भी किया है जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सवाल उठाए हैं।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन की 22 साल की महिला साइंटिस्ट (Aussie scientist) सोफी ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन पर रिसर्च के लिए वह खुद कोरोना संक्रमित होने के लिए तैयार हैं।
वैक्सीन रिसर्च में तेजी आए इसके लिए सोफी ने 1DaySooner नाम का कैंपेन शुरू किया है। इस कैंपेन के जरिए सोफी दुनियाभर के लोगों से अपील कर रही हैं कि कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए ह्यूमन चैलेंज ट्रायल शुरू किया जाए।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक सोफी ने कहा कि वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस का इलाज खोजने के लिए वो अपनी मौत का छोटा सा खतरा उठा सकती हैं।
2. वैक्सीन बनने के बाद पहला डोज कोविड योद्धाओं को दिया जायेगा
- केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Union Minister of State for Health Ashwini Kumar Choubey) ने साफ कर दिया है कि वैक्सीन बनने के बाद पहला डोज कोविड योद्धाओं को ही दिया जायेगा।
- लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day celebrations) के मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission) की घोषणा भी की।
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “COVID-19 के खिलाफ तीन टीके परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं। और, यदि हम एक वैक्सीन प्राप्त करने में सफल होते हैं, तो हमारे COVID योद्धा खुराक प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
3. WHO की नई गाइडलाइन:बंद कमरे में कोरोना का खतरा ज्यादा
WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक, डेंटल क्लीनिक, अस्पताल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कम हवादार बिल्डिंग में कोरोना वायरस का खतरा बहुत अधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार डेंटल क्लीनिक में विशेषज्ञ एरोसॉल जेनरेटिंग प्रोसीजर अपनाते हैं, इस दौरान वायरस के कण संक्रमित कर सकते हैं।
- दांतों की रूटीन जांच कराने से बचें
- डेंटल क्लीनिक भी हाईरिस्क जोन में
- डेंटल चेक-अप से संक्रमण का खतरा
- इमरजेंसी की स्थिति में ही क्लीनिक जाएं
- टेलीमेडिसिन से एक्सपर्ट की सलाह लें
डेंटल ट्रीटमेंट से खतरा क्यों ? Who ने बताए 3 कारण
खांसने, छींकने के दौरान सीधे तौर पर ड्रॉपलेट्स पहुँचने का खतरा
आंख, नाक और मुँह की लार से वायरस के संक्रमण की आशंका
संक्रमित सतह को छूने या इससे संपर्क में संक्रमित होने का डर
4. यूएई और इजराइल साथ मिलकर बनाएँगे कोरोना टेस्टिंग डिवाइस –
यूएई और इजराइल की कंपनियां साथ मिलकर तेज परिणाम देने वाली कोविड-19 की टेस्टिंग डिवाइस बनाएंगी। दुबई में दोनों देशों के बीच यह पहली बिजनेस डील हुई है।
यूएई की एपेक्स नेशनल इंवेस्टमेंट ने इजराइल की टेरा ग्रुप के साथ समझौता किया है। यह पार्टनरशिप दोनों देशों के बीच शुरू हुए डिप्लोमेटिक रिलेशन के बाद हुई है। दोनों देशों ने अपनी दुश्मनी भुलाकर दोस्त बनने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 17 लाख 823 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 44 लाख 7 हजार 913 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 7 लाख 70 हजार 523 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़ www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।