Corona Brief News: कोरोना वायरस टीके की 190 मिलियन खुराक रिजर्व, वैज्ञानिकों ने दिखाई वायरस के संक्रमण की फोटो-
नोवेल कोरोना वायरस श्वसन पथ को संक्रमित करते है। वैज्ञानिकों के द्वारा श्वसन पथ को संक्रमित करने वाली फोटो प्रकाशित कर दी गई है। यह फोटो प्रयोगशाला में विकसित वायरस के हैं। इनमें फेफड़ों के अंदर प्रत्येक कोशिका में उत्पन्न होने वाले वायरस पार्टिकल की संख्या की जानकारी दी जाती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना (UNC) चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट के कैमिल एहरे सहित अन्य शोधकर्ताओं ने यह चित्र कैप्चर किए हैं। यह फोटो संक्रमण को ग्राफिक से समझने की कोशिश करती है।
1. कोरोना वैक्सीन की 190 मिलियन खुराक रिजर्व
दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए चल रहे परीक्षणों के बीच यह खबर आई है कि ब्रिटेन ने फ्रेंच-ऑस्ट्रियाई वैक्सीन फर्म वालनेवा (Valneva) से संभावित कोरोनावायरस वैक्सीन की 190 मिलियन तक की खुराक रिजर्व कर ली है। इस डील के लिए उन्होंने 1.37 बिलियन यूरो खर्च किए हैं।
2021 में ब्रिटेन को आपूर्ति की जाने वाली 60 मिलियन खुराक 470 मिलियन यूरो (557 मिलियन डॉलर) की लागत पर मिलेगी। ब्रिटेन के पास 2022 में 40 मिलियन खुराक के विकल्प होंगे और 2023 से 2025 के बीच उसके पास 30 से 90 मिलियन के बीच खुराक के विकल्प होंगे जिसकी कीमत 900 मिलियन यूरो होगी।
वालनेवा के सीईओ थॉमस लिंगेलबैक ने एक बयान में कहा, “हम ब्रिटेन सरकार द्वारा चुने गए हैं और इस भयानक चल रही महामारी से मुकाबले करने के लिए उनके साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक हैं।” वालनेवा ने कहा कि ब्रिटिश सरकार ने स्कॉटलैंड में कंपनी के विनिर्माण स्थल के विस्तार में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो इसे एक बड़ी वैक्सीन सुविधा बनने की अनुमति देगा।
2. कोरोना वायरस संक्रमण कैसे दिखता हैं, जानें?
हाई पॉवर माइक्रोस्कोपिक इमेज में मानव की श्वसन सतहों पर बड़ी संख्या में वायरस के पार्टिकल दिख रहे हैं, जो अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकते है।
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने फेफड़ों के ह्यूमन ब्रोन्कियल एपीथीलियल सेल्स में नोवेल कोरोनोवायरस SARS-CoV-2 का टीका लगाया। उन्होंने 96 घंटे बाद उच्च शक्ति वाले स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के जरिए इसकी जांच की थी।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में यह फोटो प्रकाशित किए गए है जहाँ इनको फिर से रंगीन किया गया। इसमें सिलिया टिप्स पर म्युकस के साथ संक्रमित हेयरी सेल्स दिख रही हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि एयरवे एपीथीलियल सेल्स की सतर पर सिलिया की बाल जैसी संरचनाएं हैं। यह म्युकस और फेफड़ों में फंसे वायरस का परिवहन करती हैं।
3. 2024 तक भी वैक्सीन नामुमकिन- अदार पुणेवाला
भारतीय कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन के निर्माण के लिए दुनिया की पांच बड़ी कम्पनियों के साथ करार किया है। सीईओ अडार पूनावाला के मुताबिक, दुनियाभर के हर इंसान तक वैक्सीन पहुंचने में 4 से 5 साल समय लगेगा।
साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन मिलने की उम्मीद करने वाले लोगों को झटका लग सकता है। वैक्सीन तैयार करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से बयान आया है।
अडार पूनावाला के मुताबिक, अभी भी दवा कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता को इतना नहीं बढ़ा पाई कि दुनियाभर में वैक्सीन को उपलब्ध कराया जा सके। दुनियाभर के हर इंसान तक वैक्सीन पहुंचने में 4 से 5 साल वक्त लगेगा। अगर एक इंसान के लिए कोरोना की डोज चाहिए तो पूरी दुनिया के लिए 15 अरब डोज की जरूरत होगी।
4. चीन का दावा- नंबर तक आएगी वैक्सीन
दुनिया में अब संक्रमितों का आंकड़ा 2 करोड़ 94 लाख 34 हजार 021 हो चुका है। अच्छी खबर ये है कि ठीक होने वालों की संख्या भी 2 करोड़ 12 लाख से ज्यादा हो चुकी है। वहीं, महामारी में मरने वालों की संख्या 9 लाख 32 हजार से ज्यादा हो गई है।
चीन में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के एक अफसर ने दावा किया है कि नवंबर तक कोरोनावायरस वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। चीन में कोविड-19 की चार वैक्सीन पर रिसर्च चल रहा है। इनका ट्रायल आखिरी चरण में हैं। इनमें से तीन वैक्सीन जरूरतमंदों और कर्मचारियों को लगाने की पेशकश की जा चुकी है। इसके लिए इमरजेंसी प्रोग्राम जुलाई में शुरू किया गया था।
साइनोफार्म और साइनोवेक बायोटेक कंपनियां तीन वैक्सीन पर रिसर्च कर रही हैं। चौथी वैक्सीन केनसाइनो बायोलॉजिस कंपनी डेवलप कर रही है। चीन की सेना ने जून में इस वैक्सीन को अप्रूवल दिया था। साइनोफार्म ने जुलाई में कहा था कि उसकी वैक्सीन इस साल के आखिर तक बाजार में आ जाएगी। इसके तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।
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